पुराने से पुराना पाइल्स (बवासीर) करे जड़ से खत्म Best Remedy For Hemorrhoids

आज मैं आपके साथ पाइल्स के बारे में बात करुँगी जिसको बवासीर भी कहते हैं। पाइल्स आज कल एक बहुत ही आम समस्या बन गई हैं। पहले ये 50 या उससे अधिक लोगो में मिलती थी। लेकिन आज के टाइम में हमारी डाइट और लाइफ स्टाइल की वजह से ये 50 से कम और बच्चो में देखी जा रही हैं। पाइल्स एक इम्बेरिस करने वाली बिमारी हैं। जिसकी वजह से कोई लोग डॉक्टर्स के पास ही नहीं जाते हैं। शर्म की वजह से बताते ही नही हैं और सही इलाज़ नहीं लेते हैं। ऐसा करने से वो अपनी सेहत के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ करते हैं। जिससे ये बीमारी अंदर ही अंदर बढ़ जाती हैं।

इस पोस्ट में आप पाइल्स क्या होता हैं और ऐसे क्या कारण हैं जिसकी वजह से पाइल्स हो जाता हैं और इसका घरेलु उपचार क्या हैं जिसकी वजह से आपको पाइल्स से छुटकारा मिल सके ये सब बातो के बारे में आप इस पोस्ट में जानेगे 

पाइल्स क्या होता हैं?

मलद्वार (एनस) के आस-पास जो नसे होती हैं वो सूज या फूल जाती है और ये एक मस्से की शक्ल ले लेती हैं। इन मस्सो को ही पाइल्स कहते हैं। इन मस्सो में आपको दर्द होता हैं। खुजली होने लगती हैं और कभी-कभी ये दर्द इतना ज़्यादा बढ़ जाता हैं, कि आप चल-फिर भी नही पाते हैं।

पाइल्स दो प्रकार की होती हैं। एक होती एक्सटर्नल और दूसरी होती हैं इंटरनल पाइल्स।

1- एक्सटर्नल पाइल्स जिसको बाहरी पाइल्स कहते हैं। एक्सटर्नल पाइल्स एनस में होता हैं। इसमें मस्से बाहर ही साइड निकले हुए होते हैं। इसलिए अगर आप टच करते हैं। तो आपको ये महसूस होते हैं। इस टाइप की पाइल्स में काफी दर्द होता हैं और शौच के समय खून आता हैं। अगर इन मस्सो में खून जम जाता हैं, तो बहुत ही ज़्यादा दर्द होने लगता हैं। इन सब कारण से ही आप पता कर सकते हैं, कि आपको एक्सटर्नल पाइल्स हैं।

2- इंटरनल पाइल्स जिसको अंदरूनी पाइल्स कहते हैं। इसमें पाइल्स (मस्से) रेक्टम में होते हैं और इस टाइप की पाइल्स में बिलकुल भी दर्द नहीं होता हैं। अगर आप अपने एनस को टच करते हैं। तब तभी आपको पाइल्स का पता नहीं लगेगा। क्यूंकि ये अंदरूनी होते हैं। शौच में खून आना इसका आम लक्षण हैं। क्यूंकि इंटरनल पाइल्स में सिर्फ शौच में खून आता हैं। बाकी आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती हैं। इसलिए इन्टरनल पाइल्स का पता आप शौच में हुई ब्लीडिंग से ही लगा सकते हैं। जब ये मस्से बड़े हो जाते हैं। तो शौच के द्वारा दबाव लगाने की वजह से ये बाहर आ जाते हैं और फिर अपने आप अंदर भी चले जाते हैं।

पाइल्स के कारण –

अगर आपके रेक्टम या एनस के आस-पास की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती है। तो ये पाइल्स का कारण बन सकती हैं, या फिर आपको कब्ज़ की परेशानी हैं या आपका डाइजेशन सिस्टम ठीक नहीं हैं। तो पाइल्स होने का खतरा रहता हैं। ऐसा होता हैं, कि हम इन सब कंडीशन में शौच के लिए जाता हैं। तो हमारे एनस पर जोर लगाने से दबाव पड़ता हैं। जिसकी वजह से एनस के आस-पास की जो नसे होती हैं। उनपर भी दबाव पड़ता हैं।

लेकिन ये एक बार में नहीं होता हैं। ऐसा अगर लगातार करते हैं। तब एनस के पास की नसे फूल जाती हैं और फिर ये मस्सो का रूप ले लेती हैं और आपको मल के साथ खून आने लगता हैं। अगर आप शराब का सेवन करते हैं, या फिर स्मोकिंग करते हैं ये सब भी कारण हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको जब भी शौच के साथ खून आएं। तो आप इसको हल्के में न ले। डॉक्टर के पास जाकर बताएं शर्माए बिलकुल भी नहीं।

इलाज़ –

पाइल्स में हमे ज़्यादातर अपनी डाइट में फाइबर लेना चाहिए। जैसी की फल, सब्ज़ियाँ और दलिया इन को खाना चाहिए। इसी के साथ पानी ज़्यादा पीना चाहिए। जिससे आपकी शौच कड़क न हो और शौच करने में आपको प्रेशर न लगाना पड़े।

अब मैं आपको पाइल्स को ठीक करने के लिए दो रेमेडी बताउंगी। जिसको अगर आप अपनाएंगे, तो आपको पाइल्स के लक्षण में आराम मिलेगा और पाइल्स ठीक भी हो जाएँगी। इन दो रेमेडी में से एक रेमेडी को आप अपने घर पर बनाकर तैयार कर सकते हैं और दूसरी हैं होम्योपैथिक रेमेडी। इसलिए आप घर पर तैयार करने वाली रेमेडी को बनाना सीखे।

पाइल्स को ठीक करने के लिए हेस्पेरिडीन और डायोस्मिन दोनों एंटी-ओक्सिडेंट जरूरी होते हैं और ये दोनों एंटी-ओक्सिडेंट नेचुरल हैं और ये दोनों ही एंटी-ओक्सिडेंट आपको निम्बू के अंदर भरपूर मात्रा में मिलेगे। इसलिए आपको इस रेमेडी को निम्बू से बनाना हैं। आप सभी ने निम्बू के येलो छिलके के नीचे एक वाइट पोर्शन देखा होगा। उसी के अंदर ये दोनों एंटी-ओक्सिडेंट होते हैं।

आपको एक बड़े साइज़ का निम्बू लेना हैं और निम्बू को आप नाइफ से गोल स्लाइस में काट ले। स्लाइस आप न ज़्यादा थिक रखे और न ज़्यादा थिन निम्बू को स्लाइस में काटने के बाद आपको एक मिक्सी जार लेना हैं और फिर मिक्सी जार में निम्बू की स्लाइस को डाले। उसके बाद इसमें एक कटोरी स्प्राउट डाले। आपको जो भी स्प्राउट पसंद हो वो ले सकते हैं। जैसे चने दाल का मूंग की दाल का स्प्राउट।

स्प्राउट डालने के बाद इसमें आधा गिलास पानी डालकर इन सब को अच्छे से ब्लेंड करके इसका जूस बना ले। अगर आपको पाइल्स की प्रॉब्लम ज़्यादा हैं। तब आप इस जूस को एक दिन में दो से तीन टाइम पियें। जब आपको आराम मिलने लगेगा तब आपको दिन में एक बार पीना हैं और जब परेशानी और भी ज़्यादा कम हो जाएँगी। तब आपको एक हफ्ते में तीन बार लेना हैं और जब और ज़्यादा आराम मिलने लगेगा। तब आपको हफ्ते में एक बार ही पीना हैं।

अब बात करते हैं होम्योपैथिक रेमेडी के बारे में इस रेमेडी में आपको PF 90 और PF 90 BOOST लेनी हैं। ये जो होम्योपैथिक रेमेडी हैं। इसको लेने से आपको किसी भी तरह की पाइल्स हो। उसमे आपको आराम देगी। आपको इन दोनों दवाइयों में से एक-एक गोली लेनी हैं। आपको ये दवाई तीनो टाइम लेनी हैं। जब आप सुबह का नाश्ता करे। उसके आधे घंटे के बाद इन दोनों दवाईयो से एक-एक गोली ले ले और इसी तरह से दोपहर का खाना खाने के बाद और रात का खाना खाने के बाद आपको इन दोनों दवाइयों से एक-एक गोली लेनी हैं।

आप इन गोली को हल्के गर्म पानी के साथ ले। आपको बहुत जल्दी आराम मिलेगा जब आप इन रेमेडी का सेवन करे। तो आपको कुछ चीज़ों का परहेज़ करना हैं। जैसे आपको तीखा खाना नहीं खाना हैं। कम नमक मिर्च वाला खाना आपको खाना हैं। इसी के साथ अगर आप तम्बाकू या शराब का सेवन करते हैं, तो वो बिलकुल भी नहीं करना हैं

आपको इन रेमेडी को कम से कम तीन महीनो तक लेना है। अगर आपकी बवासीर ज़्यादा पुरानी हैं। तब आपको थोड़ा ज़्यादा वक़्त लग सकता हैं। लेकिन आपको इसको तीन महीने तक जरूर लेना हैं।

Image Source: EL REPORTERO HONDURAS

Post Source: Healthy Hamesha

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