भारत में क्यों इतनी सिजेरियन डिलीवरी हो रही है जानते है इसका राज़ और नुक्सान

दोस्तों आज हम आपको बताएंगे सिजेरियन डिलीवरी से होने वाले पांच नुकसान इंडिया के अंदर तकरीबन 65% सिजेरियन डिलीवरी से बच्चे पैदा हो रहे हैं। इसके पीछे क्या क्लीनिकल फैक्टर हैं या फिर बिजनेस है या फिर हैल्थ की कंडीशन है आखिर ऐसा हो क्यों रहा है WHO के अनुसार 10 से 15% बच्चे ही ऑपरेशन से पैदा होने चाहिए।  

किसी भी कंडीशन में सबसे पहली कोशिश यही होनी चाहिए कि बच्चे नार्मल पैदा हो क्योंकि जो नेचुरल प्रतिक्रिया बनाई है भगवान ने बच्चे पैदा करने की वह नेचुरल है और बहुत ही नॉर्मल है इस से छेड़खानी करना अपनी सुविधा के लिए या फिर दूसरे किसी कारण से यह बहुत ही गलत है।

WHO के अनुसार दो कंडीशन में ही ऑपरेशन करना चाहिए पहली कंडीशन बच्चे की लाइफ को कोई रिस्क हो या फिर मदर की लाइफ को रिस्क हो तभी ऑपरेशन से बच्चे को पैदा करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है।

आजकल यही सुनने में आता है कि बच्चा ऑपरेशन से पैदा हुआ है बहुत ही कम यह बात सुनने में आती है कि बच्चा नार्मल पैदा हुआ है ऐसा क्यों हो रहा है आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे।

दोस्तों सबसे पहले हम आपको यह बताएंगे ऐसी कौन सी हैल्थ कंडीशन है यदि आप ओबीज़ है 30 एयर आपकी एज है और फिर आपको थायराइड है या फिर आपकी दूसरी कुछ और हेल्थ कंडीशन हैं। जिसमें डॉक्टर कंसीलर कर सकता है या फिर बच्चे की कंडीशन ठीक नहीं है या फिर मदर को कोई रिक्स है तो फिर यह कहा जा सकता है कि बच्चा ऑपरेशन से ही पैदा होगा।

आजकल आप ने डॉक्टरों से यह सुना होगा कि बच्चे ने अंदर पॉटी कर ली या फिर बच्चे की गर्दन में नाल फंस गई है और बच्चे की धड़कन ठीक नहीं है बच्चा उल्टा है या फिर घुमा हुआ है इस तरह की बहुत सारी बातें डॉक्टर आपको बताते हैं। आपको मेंटली प्रिपेयर किया जाता है और आप देखते हैं कि सब कुछ नॉर्मल चल रहा होता है और एंड टाइम पर बच्चा ऑपरेशन से पैदा होता है।

ऑपरेशन से बच्चा पैदा होना और नेचुरल बच्चा पैदा होना इन दोनों में क्या अंतर है और उसके क्या नुकसान है इसको भी आप को समझना चाहिए।

केवल यह देखा जाता है कि जो टांके लगाए जाते हैं सी सेक्शन के बाद उनका हील होना बहुत मुश्किल हो जाता है बहुत ही कॉम्प्लेक्स वाली कंडीशन बन जाती है और काफी कॉम्प्लिकेशन आते हैं।

दूसरी बात जब लेवलपेन आता है जब नेचुरल डिलीवरी होती है यानिकी डिलीवरी होने के 2 दिन पहले या 1 दिन पहले जो फेज़ होता है वह बहुत ही क्रिटिकल होता है उससे बहुत सारे डेवलपमेंट होते हैं बच्चे के अंदर और बहुत सारी क्लीनिंग भी होती है। बहुत सारे हार्मोन्स सिक्लेशन भी होता है बच्चे के अन्दर।

वह सारी प्रतिक्रिया डिस्टर्ब हो जाती है जिससे आपने देखा होगा बच्चे के पैदा होने के बाद उन्हें बहुत जल्दी कफ-कोड होता है या फिर छाती का कंजेशन बच्चे का वीक रहना बच्चे का जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना यह सारी चीजें देखी जाती हैं और फिर इंटेस्टाइन का जो पाट है वह भी एक डेवलपमेंट वाला पाठ है।

जो लेवलपेन होता है वह जो एक कॉम्प्लेक्स है एक लड़ाई है जो कंडीशनर फाइट है उससे बच्चे के रेसपीलेट्री सिस्टम को बहुत फायदा होता है। उससे अच्छा रिफ्लेक्शन होता है बच्चे के पेट की क्लीनिंग होती है और बॉडी उसके लिए तैयार होती है। जब बच्चे को मदर से डिस्कनेक्ट किया जाता है

उसकी नाल को कट किया जाता है। तो बहुत सारे बायोकेमिकल हार्मोन और मेटाबोलिक चेंज बच्चे के अंदर आते हैं वह प्रिपरेशन होती है और जब ऑपरेशन से बच्चा पैदा होता है वह सब नहीं हो पाता है तो ये एक प्रॉब्लम है।

अब ऐसा क्या किया जाए जिससे बच्चा नार्मल ही पैदा हो और हम c सेक्शन से बच पाए उसको सीधा सा समझने की जरूरत है। आप प्रेगनेंसी में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें अपने शुगर लेवल को नार्मल रखें बीपी को नार्मल रखें। आपको अगर कोई अस्थमा का इशू है तो उसको भी डील करें रेगुलर वॉक करें या फिर आप कुछ स्पेशल योगासन भी कर सकते हैं।

पॉजिटिव मोमेंट में रहे बैठे ना रहे हैं बहुत ज्यादा आराम ना करें और अपना ज्यादा वेट ना बढ़ने दे इन सारी चीजों को आपको करना होगा अगर आप अपने वेट पर क्लॉक नजर रखते हैं रेगुलर आप वाकिंग करते हैं स्पेशली जो योग व्यायाम आपके लिए बताए गए हैं आप वह करते हैं तो आपकी नॉर्मल डिलीवरी होने के चांस ज्यादा होते हैं।

टाइम से ही कंसीव करें टाइम से शादी कर ली जाए और टाइम से ही बच्चे को कंसीव किया जाए यह हेल्दी प्रैक्टिस है ऐसा होने से आप उस कॉम्प्लिकेशन से बच जाओगे और सी सेक्शन का जो रिस्क है जो डिलीवरी ऑपरेशन से होने वाली बात है उससे शायद आप बच जाए।

अगर यह सब कुछ देखा जाए तो इसके बावजूद एक और चीज है जो बिजनेस है प्राइवेट सेक्टर में कि पेनलेस है आजकल सब डिलीवरी ऑपरेशन से ही होती हैं। लोग अपनी सुविधा के लिए डॉक्टर को फोर्स करते हैं कि आप उस डेड में हमारा ऑपरेशन कर दें।

हम दर्द को नहीं सह सकते हैं हमसे दर्द नहीं सहा जाएगा और दर्द सहने की जरूरत ही क्या है जब एक प्रोसीजर है जब ऑपरेशन किया जा सकता है और इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है इस तरह की बातें होती हैं।

लेकिन एक बात को आप ध्यान में रखें कि जो नॉर्मल डिलीवरी है वही हेल्दी है वही नेचुरल है और वह सही है और उसके बहुत सारे बेनिफिट्स है और जो c-section है जो बच्चे ऑपरेशन से पैदा होते हैं उसमें कुछ कॉम्प्लिकेशंस कुछ रिस्क जरूर जुड़ा होता है। वह नॉर्मल डिलीवरी जैसा बिल्कुल भी नहीं होता और ना ही कभी हो सकता है जो नेचुरल प्रतिक्रिया है साइंटिफिक है और 100% साइंटिफिक प्रूफ है कि नेचुरल ही वै-से बच्चे पैदा हो वह ज्यादा हेल्दी प्रैक्टिस है।

उससे हेल्थ-वे से बच्चे को और बच्चे की मदर को सबको फायदे होंगे long-term फायदे होंगे और एक सबसे बड़ी बात बहुत सारी औरतों को c-section करने से पहले बैक मे एक इंजेक्शन दिया जाता है। जिसको हम एनेस्थीसिया कहते हैं उस इंजेक्शन के कारण भी बहुत सारी औरतों में पीठ का कमजोर होना नस का कमज़ोर होना व बोन्स का कमजोर होना और कुछ औरतों को वह दर्द जिंदगी भर रहता है। एक बहुत ही बड़ी कॉम्प्लिकेशन को फीमेल्स झेलती हैं यह भी एक साइड इफेक्ट है।

कोशिश यही करें कि नॉर्मल खाना ले योगा करें मेडिटेशन करें पॉजिटिव रहे अपने वेट को ना बढ़ने दें। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट ना लें आप जितना मोमेंट में रहेंगे जितना एक्टिव रहेंगे उतना ही आपके नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाएगी और आप c-section से बच पाएंगे।

Image Source: babycenter.in

Post Source: Dr Kumar Education Clinic

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