दुनिया का सबसे बेस्ट आटा जिससे बीमारियाँ भी ठीक होती हैं Best Multigrain Atta Recipe

दोस्तों आज इस पोस्ट में मैं आपके साथ गेहूं के आटे के बारे में बात करुँगी। जिसको हम रोज़ खाते हैं। क्यूंकि आटा हमारे खाने में सबसे ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट होता हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि हम जिस आटे को हेल्दी समझकर रोज़ खाते हैं। वो हमे नुक्सान भी दे सकता हैं। इसके साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। शायद आपको गेहूं के आटे के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी। बस इतना ही पता होगा, ये पूरी तरह से स्वास्थवर्धक हैं। हम सभी फ्रूट्स, वेजिटेबल और हमे क्या खाना पीना चाहिए? क्या नहीं खाना चाहिए? किस चीज़ को खाने से या पीने से हम बीमार हो सकते हैं और क्या ऐसा खाएं या पिएं कि जिससे हम हमेशा हेल्दी रहे?

बस इनके सब के बारे में ही जानकारी लेते हैं। आटे की तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं जाता हैं। कि इसके बारे में भी तो जाने कि आटा हेल्दी तो हैं, कही इसके कोई नुकसान तो नहीं हैं। कभी ये किसी बिमारी का कारण तो नहीं बन सकता हैं। गेहूं में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता हैं। जिसकी वजह से आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता हैं।

दोस्तों हम सभी ज़्यादातर गेहूं का आटा ही खाते हैं। जिसकी वजह से हम दूसरे ग्रेन्स और अनाजों को खा ही नहीं पाते हैं और जिसकी वजह से हम इनके गुणों से महरूम रह जाते हैं। क्यूंकि अलग-अलग तरह के अनाजों में अलग-अलग तरह के गुण होते हैं। जो हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। लेकिन हम क्या करते हैं? हम सभी एक ही तरह यानी कि गेहूं के आटे की रोटियों पर ही डिपेंड रहते हैं और इसके साइड इफ़ेक्ट हो सकते है और हम कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

ज़्यादातर सभी लोग गेहूं की रोटी का सेवन रोज़ करते हैं। क्या आपको पता हैं? गेहूं में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता हैं और जब हम रोज़ गेहूं के आटे से बनी रोटी खाएंगे। तो कार्बोहाइड्रेट आपके शरीर में जमने लगेगा। जिसकी वजह से ये फैट में बदल जाता हैं और फिर हमे दिल से जुड़े रोग, मोटापा और डायबिटीज़ जैसी बीमारी हो जाती हैं। गेहूं के आटे से ब्लड शुगर का लेवल भी बढ़ता हैं। गेहूं का आटा शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता हैं और धमनियों को बंद कर देता हैं। गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से ये शरीर में आलस बढ़ाता हैं और हम थकान महसूस करने लगते हैं।

गेहूं की रोटी खाने से कई बार पेट फूलने लगता हैं। जिसकी वजह से अपच सम्बंधित समस्या का भी सामना करना पड़ता हैं। गेहूं के आटे में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से जब हम रोटी खाते हैं। तो हमारी बॉडी में हीट प्रोडक्शन बढ़ता हैं। जिससे ज़्यादा गर्मी लगती हैं और फिर हमारी बॉडी से ज़्यादा पसीना भी निकलता हैं। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती हैं।

अगर आप तीनो टाइम गेहूं की रोटी का ही सेवन करते हैं। तब आपकी बॉडी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो जाएँगी और प्रोटीन की कमी हो जाएँगी। जिसकी वजह से आपको मोटापे की समस्या शुरू हो जाएँगी। तब आपको अधिक मात्रा में  रोटी का सेवन नहीं करना हैं और आपको इनके साथ फल और सब्जियों को शामिल करना हैं। अगर आपको ग्लूटन एलर्जी हैं। तब ये एलर्जी आपके अन्दर ज़्यादा बढ़ सकती हैं। थायराइड की समस्या अगर आपको हैं। तब इस केस में भी गेहूं का आटा आपके लिए नुकसान देने वाला हो सकता हैं।

गेहूं के आटे के बारे में इतना जानकर आपके मन में ये सवाल तो जरूर आ रहा होगा, कि आपके बड़े बुज़र्ग भी यही गेहूं का आटा खाते थे। वो तो एकदम स्वस्थ रहते थे। उनको तो ऐसी कोई भी बिमारी नहीं होती थी। तो फिर अब इसी गेहूं के आटे से इतनी बिमारी कैसे हो सकती हैं। दरअसल बात ये हैं, कि पहले जो गेहूं होते थे वो हाइब्रिड नही होते थे और आज जो हम गेहूं खा रहे हैं। वो हाइब्रिड होकर हमारे पास आ रहे हैं। यही वजह से कि पहले के गेहूं का आटा एकदम प्योर और फायदेमंद होता था। यही वजह हैं, कि आपके बड़े बुज़ुर्ग गेहूं के आटा खाकर भी हेल्दी रहते थे। इसी के साथ आप एक बात और जान लीजिए। आपके बड़े बुज़ुर्ग मौसम के हिसाब से आटे को खाते थे। जो भी अनाज जिस मौसम में आता था। वो उसी अनाज का आटा खाते थे। सिर्फ गेहूं के आटे पर ही डिपेंड नहीं रहते थे। जिसकी वजह से वो ज़्यादा हेल्दी रहते थे।

अब आप जाने कि हाइब्रिड अनाज क्या होता हैं? हाइब्रिड में गेहूं को किसी दूसरी तरह की ग्रास के साथ क्रॉस कराया जाता हैं। ग्रास के साथ क्रॉस कराने और इनके जींस को बदलने के लिए बहुत सारे केमिकल और गामा रेज़ और एक्स रेज़ का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे जींस चेंज हो जाएँ और गेहूं की क्वांटिटी बढ़ सके और फिर जो कंपनी और किसान होते हैं। उनको ज़्यादा से ज़्यादा फायदा हो सके और जब इन गेहूं के जींस बदल जाते हैं। तो फिर ये हमे फायदे की जगह नुक्सान देगे लगते हैं। इस वजह से गेहूं का आटा हमारे लिए नुक्सान देने वाला हो सकता हैं। जिसकी वजह से हमारे अंदर बहुत सारी बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं।

अब आप सोच रहे होगे, कि आप अब कौन सा आटा खाएं। जिससे आप अलग-अलग तरह की बीमारियों से खुद को महफूज़ रख सके। आपको अपने इसी गेहूं के आटे में चार अलग-अलग तरह की ग्रेन्स मिलानी हैं। जिसकी वजह से आपका गेहूं का आटा बहुत ज़्यादा हेल्दी हो जाएंगा और फिर आपको इस आटे को खाने से सिर्फ फायदे ही फायदे मिलेगे। जब आप ये वाला हेल्दी आटा खाएंगे। तो आपकी किडनी अच्छे तरीके से काम करेगी। आपको कभी भी लीवर से सम्बंधित कोई बिमारी नही होगी।

इसी के साथ आपको अर्थराइटिस की परेशानी नहीं होगी। यूरिन इन्फेक्शन से भी आप महफूज़ रहेगे। कोलेस्ट्रॉल भी आपका कभी नहीं बढ़ेगा। दिल से रिलेटेड कोई बिमारी नहीं होगी। डायबिटीज़ भी नही होगी और मोटापा तो आपको बिलकुल भी नहीं आएंगा अगर आप मोटे हैं। तब इस आटे का रोज़ सेवन करे फिर आपका बढ़ा हुआ मोटापा भी कम होने लगेगा।

अब आप उन चार ग्रेन्स के बारे में जाने जिसको मिलाने से आपका नॉर्मल गेहूं का आटा बहुत ज़्यादा हेल्दी हो जाएंगा।

बाजरा (Pearl Millet) –

bajra

बाजरा में भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, फोलेट और आयरन पाया जाता हैं। जिसको खाने से पाचन तंत्र मज़बूत होता हैं और ये वज़न कम करने में भी सहायक होता हैं। बाजरे में अच्छी मात्रा में फाइबर होता हैं। जिसकी वजह से ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को खत्म करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता हैं। बाजरे में मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में उपस्थित होता हैं। जो दिल के दौरे के खतरे को कम करने में भूमिका निभाता हैं।

बाजरे में प्रोटीन होने की वजह से ये बाल झड़ने से पीड़ित लोगो के लिए बाजरा बहुत उपयोगी हैं। बाजरा बालो को मज़बूत करता हैं और बालो को झड़ने से रोकता हैं। बाजरे में एंटी-ओक्सिडेंट पायें जाने की वजह से ये कैंसर पैदा करने वाली फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को नष्ट करती हैं और ये किडनी, लीवर से विषाक्त पदार्थो को साफ़ करना में मदद भी करती हैं।

चना (Chickpea) –

Chana Black Chickpeas

चनो में प्रोटीन खूब अच्छी मात्रा में होता हैं। चने वजन कम करने में भी सहायक होते हैं। चना ब्लड शुगर को भी कण्ट्रोल करता हैं। चने के अंदर फाइबर भी होता हैं। जिसकी वजह से आपको कोंसटिपेशन की समस्या भी नही होगी। इसी के साथ चनो में आयरन होता हैं।  जो बॉडी में खून भी बनाता हैं। अगर आपको दिल की कोई भी परेशानी हैं तो उन सब में भी आपको आराम मिलेगा।

जौ (Barley) –

barley

जौ में पौषक तत्व पाएं जाते हैं जो हमारी स्वस्थ को बेहतर बनाएं रखने के लिए जरूरी होते हैं। जौ में मेग्नीज़ और कैल्शियम होता हैं। जो हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। जौ त्वचा को टोन रखता हैं। जौ गुर्दों, लीवर, मूत्र पथ, जोड़ो और हड्डियों की भी रक्षा करता हैं। अगर आपको बार-बार किडनी स्टोन होते हैं। तब उसमे भी जौ बहुत उपयोगी हैं।

रागी (Ragi) –

ragi

रागी में कैल्शियम होता हैं जो आपकी हड्डियों और जोड़ो को मज़बूत बनाने में मदद करता हैं। क्यूंकि हड्डियों के विकास में कैल्शियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। रागी के के अंदर कैलोरी बहुत कम होती हैं। जिसकी वजह से ये वेट लोस करने में हेल्प करता हैं। क्यूंकि इसमें कैलोरी कम हैं। तो ये आपको डायबिटीज़ में भी आराम देता हैं। ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता हैं। कण्ट्रोल में रखता हैं। रागी में फाइबर होने की वजह से ये आपके डायजेशन को भी इम्प्रूव करता हैं।

रागी स्किन को टाइट और स्वस्थ बनाता हैं। इससे बाल भी मज़बूत होते हैं और चमकदार होने के बाद साथ बालो की ग्रोथ भी अच्छी होती हैं। अगर आपके फेस पर झुर्रिया या काले धब्बे हैं। उन सब को ठीक करने में रागी हेल्प करती हैं।

आप ये तो जान लिया कि इन चारो ग्रेन्स को आपको अपने गेहूं के आटे में मिलाना हैं और इनसे आपको कितना फायदा मिलेगा। अब आप ये भी समझ ले, कि आपको इन चारो ग्रेन्स को कितनी-कितनी क्वांटिटी में लेना हैं और किस तरह से इस्तेमाल करना हैं।

आपको दस हिस्सा गेहूं का लेना हैं और ढाई हिस्सा चने को लेना है। दो हिस्से जौ के लेने हैं। एक हिस्सा आपको बाजरे का लेना हैं और एक हिस्सा आपको रागी का लेना हैं। आपको इन सब चीज़ों को अलग-अलग लेना हैं। फिर इन सब को अलग-अलग ही पानी से अच्छे से धोना हैं। उसके बाद इनको सूखा लेना हैं और फिर इनको अलग-अलग ही पिसवाना हैं।

ध्यान रखे आपको इन सब चीज़ों को एक साथ नहीं पिसवाना हैं। अगर आप एक साथ पिसवाते हैं। तो आपका आटा सही से नही पिसेगा। क्यूंकि इन सभी चीज़ों के  साइज़ अलग-अलग होते हैं। जिसकी वजह से ये अच्छे से नही पिसेगे और दूसरी बात जब आप इन सब को एक साथ पिसवाकर स्टोर करेगे। तो आटे के ख़राब होने के चांस ज़्यादा होते हैं। इसलिए आपको इन सब चीज़ों को अलग-अलग ही लेना हैं। धोना हैं और फिर अलग-अलग ही पिसवाना हैं।

या फिर दूसरा ऑप्शन आपके पास ये हैं। कि आप मार्किट से पिसा-पिसाया इन सब चीज़ों का आटा लेले और इनको अलग-अलग ही स्टोर करे। फिर जब आपको रोटी बनानी हैं। तब आपको इसी रेशो से सब चीज़ों के आटे को लेकर इससे रोटी बनानी हैं। अगर आप इन सब आटे को मिक्स करके स्टोर करना चाहते हैं। तो आटे को आपको एक हफ्ते से ज़्यादा नहीं चलाना हैं। बस एक हफ्ते के लिए ही आपको इस मिक्स आटे को रखना हैं।

अगर आप इस तरह से आटे को बनाकर इस्तेमाल करेगे, तो आपका आटा बहुत ही हेल्दी हो जाएंगा। आप बुढ़ापे तक कभी भी बीमार नहीं पड़ेगे। 

Image Source: India TV Hindi

Post Source: Healthy Hamesha

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