उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा दिमाग भी सिकुड़ता रहता है और धीरे-धीरे हमारे दिमाग की कोशिकाएं बर्बाद हो जाती हैं और इसका सीधा असर हमारे सीखने और यादाश्त पर पड़ता है। ऐसे में आप जैतून का तेल, फल, सब्जियां, अंडा और मछली जैसी चीज़ो को अपने भोजन में शामिल करना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है।
स्काटलैंड के एडिनबर्ग university के मिशेल लुसियानो ने एक रिसर्च में ये बताया हैं कि हमारी उम्र बढ़ने के साथ-साथ दिमाग सिकुड़ता रहता है और हम दिमाग की कोशिकाओं को खो देते हैं और इसका सीधा असर हमारे सीखने और यादाश्त पर पड़ता है। और इस जांच से प्रमाण मिलता है कि भूमध्यसागरीय आहार का हमारे दिमाग के स्वास्थ पर सकारात्मक असर पड़ता है।
जांच के लिए शोधकर्ताओं ने 967 स्काटिश लोगों के खाने की आदतों का संग्रहण किया हैं इनकी उम्र लगभग 70 साल रही और इन्हें डिमेंशिया नहीं थी निष्कर्षों से ये पता चलता है कि भूमध्यसागरीय आहार का सही से पालन न करने वाले लोगो में तीन साल के बाद दिमाग के परिमाण में ज्यादा नुकसान देखने को मिलता हैं।
और ये नुकसान आहार (Diet ) का पालन करने वालों की तुलना में न करने वालो में तीन गुना ज्यादा था।
दिमाग के कुल आयतन में अंतर की वजह से आहार में अंतर 0.5 फीसद का होना था और यह Normal उम्र की तुलना में दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव का आधा था और इसके अलावा मछली और मांस का इस्तेमाल दिमाग में बदलाव से नहीं जुड़ा था यह अध्ययन पहले के विपरीत रहा लुसियानो ने कहा हैं कि यह संभव है की भूमध्यसागरीय आहार के दूसरे घटक इस संबंध के लिए जिम्मेदार हों या फिर सभी घटकों के संयोजन से हुआ हो।