गिलोय के औषधीय गुण और इसके अद्भुत फायदे Giloy Benefits

प्राचीन काल में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करके कोई बीमारियों को ठीक किया जाता था। समय के साथ-साथ साइंस में भी बदलाव हुआ हैं। लेकिन आज भी जरूरत पड़ने पर कुछ मामलो में जड़ी-बूटियों का ही सहारा लिया जाता हैं और इन जड़ी-बूटियों में सबसे एहम जड़ी-बूटी हैं गिलोय। जिसके फायदों के बारे में शायद ही आप जानते होगे। आपने गिलोय का नाम तो सुना ही होगा। लेकिन इसके इतने सारे अनगिनत फायदे हैं। जिनके बारे में आप जानेगे तो हैरान रह जाएंगे।

गिलोय को कई सारे नामो से जाना जाता हैं। जैसे मधुपरनी, गुडूची, रसायनी और अमृता नाम से भी जाना जाता हैं। गिलोय का वैज्ञानिक नाम ‘टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया’ हैं। गिलोय के फायदे जानने से पहले आप गिलोय के बारे में जाने ये होता किस तरह का हैं इसका रंग कैसा होता हैं और गिलोय किस जगह पर पाया जाता हैं?

गिलोय एक बेल हैं जो जंगलो-झाड़ियो, पहाड़ो की चट्टानों और खेतो की मेड़ो पर पाई जाती हैं। गिलोय की तासीर गर्म होती हैं गिलोय के पत्ते पान के पत्तो की तरह ही होते हैं और इन पत्तो का रंग हल्का हरा होता हैं और इसका फल देखने में मटर के बीज के जैसा दिखता हैं और ये फल पकने के बाद लाल रंग के हो जाते हैं। गिलोय कई बीमारियों को अकेले ही ठीक करने की योगिता रखता हैं। इसलिए गिलोय को अमृता के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बेल की सबसे ख़ास बात ये होती हैं। कि गिलोय की बेल जिस भी पेड़ से लिपटकर बढ़ती हैं। उस पेड़ के औषधीय गुण गिलोय के औषधीय गुण में समाहित हो जाते हैं।

गिलोय की बेल बहुत जल्दी बढ़ती हैं। गिलोय जिस पेड़ पर लिपटकर बढ़ती हैं और उस पेड़ के भी गुण लेने की खासियत की वजह से ही नीम के पेड़ पर मौजूद गिलोय की बेल को लाभकारी और सबसे बेहतर माना जाता हैं। गिलोय को आसानी से घर पर भी उगाया जा सकता हैं। गिलोय में अधिक मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण के साथ एंटी-ओक्सिडेंट गुण भी पाएं जाते हैं।

अपने इन्ही गुणों की वजह से गिलोय पीलिया, डायबिटीज़, एसिडिटी, बुखार, गठिया,अपच, कब्ज़ और मूत्र संबंधी रोगों आदि में आराम दिलाती हैं। गिलोय एक ऐसी औषधि हैं। जो वात, कफ और पित्त को कण्ट्रोल करती हैं। गिलोय हानिकारक टोक्सिन से जुड़ी बिमारी को ठीक करने में बहुत एहम भूमिका निभाती हैं।

गिलोय के अद्भुत फायदे

गठिया

जिन लोगो को गठिया की प्रॉब्लम हैं तो उनके लिए गिलोय बहुत कारगर हैं। क्यूंकि गिलोय में एंटी-आर्थराइटिस प्रोपर्टी होती हैं। जिसकी वजह से ये गठिया के लिए आरामदायक हैं। जो लोग जोड़ो के दर्द से परेशान रहते हैं। उनको भी गिलोय का सेवन करना चाहिए। क्यूंकि ये जोड़ो के दर्द के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।

गिलोय को लेने का तरीका

गठिया के लिए गिलोय का जूस और काढ़ा दोनों ही बहुत उपयोगी हैं। अगर आप गिलोय का जूस ले रहे हैं। तब दो से तीन चम्मच गिलोय के जूस को एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट इस जूस को पिएं। अगर आप गिलोय के जूस की जगह पर इसका काढ़ा पीना चाहते हैं। तब आप गिलोय का काढ़ा बनाएं और इसके काढ़े में शहद मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के आधे घंटे के बाद इस काढ़े को पिएं।

अपच

अगर आप कब्ज़ और पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान हैं। इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं या आपका डाइजेशन सिस्टम ठीक नहीं रहता हैं। तब इस सब में भी गिलोय बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसलिए आपको रोज़ गिलोय का सेवन करना चाहिए।

गिलोय को लेने का तरीका

गिलोय की चूर्ण को आप आधे से एक चम्मच एक गिलास गर्म पानी से ले आपको इस चूर्ण को रोज़ रात को सोने से पहले लेना हैं ऐसा करने से आपका पुराने से पुराना कब्ज़, एसिडिटी और अपच से आपको बहुत ही जल्द आराम मिलेगा

स्किन के लिए

अगर आपको स्किन से रिलेटिव कोई भी प्रॉब्लम जैसे रेशेज़, चतक्के या फिर कील मुहांसे जैसी कोई भी प्रॉब्लम हैं। तब आप गिलोय का इस्तेमाल करे आपको गिलोय के पत्तो का पेस्ट बनाना हैं और फिर इस पेस्ट को आपको अपने चेहरे पर लगा लेना हैं। ऐसा करने से आपके कील, मुहांसे, एकने इन सब में आपको बहुत आराम मिलेगा।

एनीमिया

शरीर में खून की कमी होना एक आम समस्या हैं। अधिकतर महिलाएं और बच्चे खून की कमी की समस्या से पीड़ित हैं। मेडिकल लैंग्वेज में खून की कमी को एनीमिया कहा जाता हैं। एनीमिया तब होता हैं जब हमारी आर.सी.बी. (लाल रक्त कोशिकाओं) में हिमोग्लोबीन का लेवल कम हो जाता हैं। हिमोग्लोबीन आर.सी.बी. में एक प्रोटीन होता हैं। जो ऊतको तक ऑक्सीजन ले जाने का कार्य करता हैं। शरीर में खून की कमी कई बीमारियों की वजह बन सकती हैं। थकान, चिड़चिड़ापन और कमज़ोरी ये सब खून की कमी को बताती हैं।

गिलोय को लेने का तरीका

एनीमिया को दूर करने के लिए दो से तीन चम्मच गिलोय के जूस को पानी या शहद के साथ दिन में आपको दो बार खाना खाने से एक घंटा पहले लेना हैं।

इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक

गिलोय इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में मदद करते हैं। क्यूंकि गिलोय के अंदर बहुत सारे ऐसे एंटी-ओक्सिडेंट होते हैं। जो हमारी बॉडी में घूम रहे फ्री रेडिकल्स (टोक्सिन पदार्थ) को नुएट्रालाइज़ करने का काम करते हैं और गिलोय हमारे ब्लड को भी प्यूरीफाई करती हैं। अगर आप किसी भी तरह के इन्फेक्शन चाहे वो बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो या फिर वायरल या फंगल इन्फेक्शन हो इन सब से आपको प्रोटेक्ट करती हैं।

अगर आप दो से तीन चम्मच गिलोय जूस को दिन में दो बार या फिर इसकी चूर्ण का रोजाना सेवन करते हैं। तब आपकी इम्युनिटी पॉवर स्ट्रोंग होती हैं और आप कई तरह के इन्फेक्शन और सर्दी ज़ुकाम इन सब से बचे रहते हैं।

पीलिया

जिन लोगो को पीलिया हैं। तब आप उस रोगी की गिलोय के ताज़े पत्ते का रस पिलाएं। गिलोय का रस पीने से पीलिया जल्दी ठीक हो जाएंगा और पीलिया में बुखार और दर्द भी होता हैं, तो वो भी गिलोय के सेवन से ठीक हो जाएंगा। अगर आप गिलोय का जूस नहीं पीना चाहते हैं। तब आप इसकी चूर्ण भी ले सकते हैं।

जिसके लिए एक से दो चुटकी गिलोय की चूर्ण को आप शहद के साथ मिला कर ले और आपको इस चूर्ण को आपको दिन में दो बार लेना हैं और इस चूर्ण को सुबह नाश्ते से पहले और एक बार खाना खाने से पहले लेना हैं।

बुखार ठीक करने में

गिलोय के कुछ ऐसे एंटी-पायरेटिक प्रोपर्टी होती हैं। जिसकी वजह से आपका पुराने से पुराना बुखार भी ठीक हो जाएंगा। बुखार को ठीक करने के लिए आप गिलोय घनवटी की एक से दो टेबलेट को पानी के साथ आपको दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेनी हैं।

गिलोय डेंगू और मलेरिया जैसी बिमारी में भी बहुत ही फायदेमंद होती हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। अगर आप गिलोय को रोज़ लेते हैं। तब आपकी प्लेटलेट्स काउंट को भी इन्क्रीज़ करता हैं और आपको डेंगू से भी रिलीफ मिलेगा। आपको दो से तीन चम्मच गिलोय के जूस को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने से एक से डेढ़ घंटे पहले ले।

अगर आपको खांसी हैं या कई दिनों से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही हैं, तब आप गिलोय का इस्तेमाल करे। खांसी को ठीक करने के लिए आप गिलोय का काढ़ा बनाकर इसको शहद के साथ ले और आपको इस काढ़े को दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेना हैं।

डायबिटीज़ के लिए

गिलोय हाइपोग्लाईसेमिक एजेंट की तरह काम करता हैं और टाइप-2 डायबिटीज़ को कण्ट्रोल करने में बहुत एहम भूमिका निभाता हैं। गिलोय का जूस ब्लड शुगर के बढ़े हुए लेवल को कम करती हैं और इन्सुलिन का स्त्राव बढ़ाती हैं और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करती हैं।

गिलोय लेने का तरीका

दो से तीन चम्मच गिलोय के जूस को आप एक कप पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं और अगर आप गिलोय जूस की जगह पर इसकी चूर्ण का सेवन करना चाहते हैं, तब आप आधा चम्मच गिलोय चूर्ण को पानी के साथ दिन में दो बार खाना खाने के एक से डेढ़ घंटे के बाद ले।

आँखों के लिए

अगर आपकी आँखों में प्रॉब्लम हैं या आपको देखने में परेशानी होती हैं। साफ़ नहीं दिखता हैं या आँखों पर चश्मा लगा हुआ हैं। तब आपको गिलोय के जूस या इसकी चूर्ण का सेवन जरूर करना चाहिए।

आपने गिलोय के फायदे जाने इसको लेने से आपको कितने सारे फायदे मिल रहे हैं और ये आपकी किस-किस बीमारी को ठीक करने में सहयोगी हैं। लेकिन अब मैं आपको गिलोय के नुकसान के बारे में बताउंगी, कि किन लोगो को गिलोय के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।

  1. ये तो हम जान ही गये हैं, कि गिलोय के सेवन से इम्युनिटी पाउडर स्ट्रोंग होती हैं। लेकिन कई बार इम्युनिटी के ज़्यादा एक्टिव होने की वजह से ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं। अब आप कहेगे कि ऑटो इम्यून क्या होता हैं? तो हम आपको बताते चले की ऑटो इम्यून जैसे कि मल्टीपल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड अर्थराइटिस आदि बिमारी वाले रोगियों को गिलोय से परहेज़ करना चाहिए।
  2. जिन लोगो को लो ब्लड प्रेशर की समस्या रहती हैं, वो भी भूलकर गिलोय का सेवन न करे। क्यूंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती हैं। इसी के दौरान किसी भी सर्जरी से पहले गिलोय का सेवन न करे। क्यूंकि गिलोय का काम ब्लड प्रेशर को कम करना हैं। अगर आप सर्जरी से पहले गिलोय के जूस या चूर्ण का सेवन कर लेते हैं। तो आपकी सर्जरी में प्रॉब्लम आ जाएँगी।
  3. इसी तरह से कोई भी प्रेगेंट वुमन या ब्रैस्ट फीडिंग करने वाली वुमन भी किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लिए बिना भी गिलोय का सेवन न करे। अगर आप चेहरे या स्किन पर गिलोय के पेस्ट को लगाना चाहते हैं, तो पहले थोड़े से पेस्ट को स्किन पर लगाकर चेक करे। अगर आपको कोई एलर्जी या रेशेज़ नहीं हो रहे हैं या किस भी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं हो रही हैं। तब इस पेस्ट को लगा सकते हैं।

इस तरह से आपने गिलोय के फायदे और नुक्सान के बारे में जाना। अगर आपको अभी तक गिलोय के गुण के बारे में जानकारी नहीं थी तो अब हो गई होगी। उम्मीद करती हूँ आपको ये पोस्ट अच्छी लगेगी और आपने इस पोस्ट से बहुत कुछ जानकारी प्राप्त की होगी।

Image Source: Ambic Ayurveda

Post Source: Rudra Home Remedies

Leave a Comment