विटामिन ई के ज़बरदस्त फायदे और इसको इस्तेमाल करने का तरीका Benefits Of Vitamin E

दोस्तों आज मैं आपके साथ विटामिन ई से मिलने वाले बेशुमार फायदों के बारे में बात करुँगी। ये तो हम सभी जानते है, कि विटामिन ई हमारी स्किन और बालो के लिए कितना ज़्यादा किफायती हैं। इसलिए आज मैं विटामिन ई के कुछ ऐसे फायदों को भी बताउंगी। जिनको शायद आप पहले से नहीं जानते होगे।

विटामिन ई सात अलग-अलग कंपाउंड से मिलकर बना होता हैं। जिसको अल्फ़ा-टोकोफिरॉल कहते हैं। विटामिन ई को लेने से जो फायदे हमे मिलते है। वो विटामिन ई की वजह से नहीं, बल्कि इसमें जो अल्फ़ा-टोकोफिरॉल नाम का कंपाउंड होता हैं। उसकी वजह से मिलते हैं। क्यूंकि इस कंपाउंड में ही हमारी सेहत के बेशुमार फायदे छिपे हैं। तो फिर जानिये विटामिन ई के ज़बरदस्त और बहुत ही बेहतरीन फायदे –

दिल की बिमारी के लिए –

विटामिन ई दिल के लिए बहुत अच्छा होता हैं। क्यूंकि हमारे दिल में जो भी प्रॉब्लम होती हैं। इस प्रॉब्लम के लिए कुछ ऐसे फेक्टर होते हैं। जो दिल की बिमारी का कारण बनते हैं और हम आपको बता दे। वो ऐसे कौन से फेक्टर हैं। जो दिल की बिमारी का खतरा बनते हैं। हमारे खून में ट्राईग्लिसराइड का बढ़ जाना। ट्राईग्लिसराइड खून में मौजूद एक तरह का वसा होता हैं। अगर ये ट्राईग्लिसराइड खून में बढ़ जाता हैं, तो इससे दिल की बिमारी का खतरा बढ़ जाता हैं।

इसी तरह से खून में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने की वजह से भी ये दिल के लिए खतरनाक साबित होता हैं। कोलेस्ट्रॉल एक गन्दा पदार्थ होता हैं। जो ख़ून की नसों में जमा हो जाता हैं और जब ये नसों में ज़्यादा जमा हो जाता हैं। तो फिर हमे हार्ट अटैक, दिल के रोग, स्ट्रोक और नसों के रोग जैसे गंभीर बीमारियाँ हो जाती हैं। इसलिए विटामिन ई लेने से आप काफी हद तक दिल के बीमारियों से बचे रह सकते हैं।

ओक्सीडेटिव स्ट्रेस –

जब शरीर में फ्री रेडिकल्स और एंटी-ओक्सिडेंट के बीच तालमेल ठीक से नहीं बैठता हैं। तब शरीर में ओक्सीडेटिव स्ट्रेस होता हैं। जब बॉडी में नॉर्मल मेटाबोलिज्म का प्रोसेस होता हैं। तब हमारे शरीर की कोशिकाएं फ्री रेडिकल्स को पैदा करती हैं और इसी के साथ ये कोशिकाएं एंटी-ओक्सिडेंट को भी पैदा करती हैं। हमारा शरीर एंटी-ओक्सिडेंट और फ्री रेडिकल्स के बीच संतुलन बनाएं रखने में योग्य होता हैं। लेकिन जब ऐसा नहीं हो पता हैं, तो ये ओक्सीडेटिव स्ट्रेस कहलाता हैं।

ऐसे कई फेक्टर होते हैं जिनकी वजह से फ्री रेडिकल्स की संख्या बढ़ जाती हैं और ये फ्री रेडिकल्स शरीर के सेल्स को और टिशू को डेमेज करते हैं। लाइफस्टाइल, प्रदुषण, फैट से भरपूर आहार ये सभी ओक्सीडेटिव स्ट्रेस के मुख्य कारण हैं। ओक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण हमारी त्वचा सूखी, बेजान और थकी-थकी नज़र आती हैं और इसकी वजह से त्वचा का कलर डार्क होने लगता हैं और स्किन पर झुर्रियां भी हो जाती हैं। इतना ही नहीं जब फ्री रेडिकल्स बढ़ जाते हैं। तब ये शरीर में फैटी टिशू और प्रोटीन को नुक्सान पहुँचाना शुरू कर देते हैं।

इससे डायबिटीज़, सूजन, हाइपरटेंशन और दिल की बिमारी और कैंसर जैसे रोग हो सकते हैं। अगर आप शराब या ज़्यादा शुगर को लेते हैं। तो ये कारण भी फ्री रेडिकल्स को बढ़ावा देते हैं। इसलिए विटामिन ई ओक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का काम करता हैं। अगर आपको इन सब प्रॉब्लमस से छुटकारा पाना हैं, तो आपको विटामिन ई जरूर लेना हैं।

डिसमेनोरिया –

डिसमेनोरिया पीरियड्स में होने वाले दर्द को कहते हैं। महिलाओ के जीवन की एक सामान्य प्रिक्रिया हैं पीरियड्स पीरियड्स के दौरान महिलाओं और लड़कियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। पेट के निचले हिस्से में दर्द, बेचैनी और ऐंठन ये सब पीरियड्स में होता हैं। कुछ लड़कियों में ये पीरियड्स से पहले होता हैं। तो वही कुछ लड़कियों में पीरियड्स के दौरान होता हैं और इस वजह से हर महीने हमे कुछ दिनों तक रोज़मर्रा के काम करने में दिक्कत आती हैं। या हमारे काम हो ही नहीं पाते हैं। पीरियड्स में पेट में दर्द एंडोमेट्रियोसिस या यूटेरिन फाइब्रोयड के कारण होता हैं। इसलिए अगर आप विटामिन ई के सप्लीमेंट और फिश ऑइल लेते हैं या इन दोनों चीज़ों को एक साथ लेते हैं। तब आपको डिसमेनोरिया में बहुत ज़्यादा फायदा मिलेगा।

नॉन एल्कॉहोलिक फैटी लीवर डीज़ीज़ –

नॉन एल्कॉहोलिक फैटी लीवर डीज़ीज़ उन लोगो में पाया जाता हैं, जो लोग शराब का सेवन बिलकुल नहीं करते हैं, या बहुत ही कम करते हैं। तो तब इस कंडीशन में फैटी लीवर आपके खानपान की वजह से अधिक फैट (चर्बी) जमा होने की वजह से होता हैं। अगर आप इस समस्या को हल्के में लेते हैं और इस पर ध्यान नहीं देते हैं। तब आपका लीवर पूरी तरह से डेमेज भी हो सकता हैं। इसलिए आपको विटामिन ई को लेना चाहिए। क्यूंकि विटामिन ई आपके लीवर में जमे हुए फैट को कम करने का काम करता हैं।

कोग्निटिव फंक्शन –

हम आपको बता दे कि कोग्निटिव फंक्शन होता क्या हैं? चीज़ों को देखकर हमारे ब्रेन में याद करने की जो काबिलियत होती हैं। उसको ही कोग्निटिव फंक्शन कहते हैं। अगर आप विटामिन ई को रेगुलर लेते हैं। तब आपके ब्रेन का कोग्निटिव फंक्शन इम्प्रूव होता हैं और आपकी याददाश्त मज़बूत होती हैं। जिसकी वजह से आप किसी भी चीज़ को आसानी से याद कर सकते हैं। बुजुर्गो की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती हैं। तब उनमे अलज़ाइमर डीज़ीज़ होने का खतरा रहता हैं और इस बिमारी में ब्रेन कम काम करने लगता हैं और हम चीज़ों को भूलने लगते हैं। इसलिए अगर हम विटामिन ई लेते हैं। तब इस बिमारी का खतरा भी कम रहता हैं।

लंग्स –

अगर आप विटामिन ई का रोज़ सेवन करते हैं। तब आपके फेफड़ो (लंग्स) पर पड़ने वाला पोल्युश्न का खतरा कम हो जाता हैं। क्यूंकि आज के टाइम में पोल्यूशन बहुत ज़्यादा हैं और जिसकी वजह से अस्थमा की बिमारी ज़्यादा देखने को मिल रही हैं। इसलिए आपको विटामिन ई का सेवन करना चाहिए। जिसकी वजह से आपके फेफड़ो की इम्युनिटी काफी मज़बूत होती हैं और फिर फेफड़ो मे बार-बार इन्फेक्शन होने का डर भी नही होता हैं।

मेल और फीमेल इनफर्टिलिटी –

विटामिन ई का उपयोग करने से स्पर्म काउंटिंग इन्क्रीज़ होती हैं और ओवम हेल्दी बनते हैं। ओवम का रिलीज़ भी टाइम से होता हैं और यही सभी चीज़े इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम को ठीक करने में काफी ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट होते हैं। इलसिए आपको अगर इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम है। तब आप विटामिन ई का सेवन जरूर करे।

अभी तो आपने विटामिन ई के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त की हैं। अब बारी आती हैं विटामिन ई आपको किस तरह से और किस रूप में लेना हैं। कितने समय तक लेना हैं, तो किन लोगो को विटामिन ई के सेवन से बचना चाहिए। तो जानते हैं इसके बारे में जिससे आपके मन में कोई संदेह न रहे और आप संतुष्ट हो जाएँ।

wheat germ oil

व्हीट ज़र्म ऑइल में काफी अच्छी क्वालिटी और अच्छी मात्रा में विटामिन ई होता हैं। एक चम्मच व्हीट ज़र्म ऑइल लेने से आपकी एक दिन की जरूरत विटामिन ई लेने की इस एक चम्मच ऑइल से पूरी हो जाएँगी।

avocado fruit

आम, कीवी और एवोकेडो में अच्छी मात्रा में विटामिन ई होता हैं। इसलिए आपको इन फलो को खाना चाहिए। जिससे आपको भरपूर मात्रा में विटामिन ई मिल सके।

Broccoli

ब्रोकली, टमाटर और पालक इन तीनो सब्ज़ी में सबसे ज़्यादा विटामिन ई पाया जाता हैं। इसलिए आपको अपनी डाइट में इन तीनो सब्ज़ी का इस्तेमाल करना चाहिए।

Almond peanut

मूंगफली और बादाम इन दोनों नट्स में भी विटामिन ई अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं। इसलिए आप इन दोनों नट्स का भी जरूर सेवन करे।

Sunflower seeds

आप एक टेबलस्पून सनफ्लावर के सीड्स को ड्राई रोस्ट करके तब इनको खाएं। क्यूंकि सनफ्लावर के सीड में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन ई होता हैं। आपको इन सीड्स रोज़ खाना हैं।

vitamin e capsule

आप चाहे तो विटामिन ई के कैप्सूल भी ले सकते हैं। लेकिन आपको 200mg से 400mg वाला एक कैप्सूल रोज़ाना खाना खाने के बाद ले। लेकिन इस बात का ख्याल रखना हैं, कि आपको इन विटामिन ई के कैप्सूल को ज़्यादा नहीं खाना हैं। अगर आप इसको ज़्यादा ले लेगे तो इसके साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए आप इन कैप्सूल को तीन महीने तक खाएं। इसी के साथ फल, सब्ज़ी, नट्स को लेने से कोई प्रॉब्लम वाली बात नहीं हैं क्यूंकि वो सब सोर्सस नेचुरल हैं।

अब ये जाने की किन लोगो को विटामिन ई नहीं लेना चाहिए।

प्रेग्नेंट लेडी को विटामिन ई लेने से पहले अपने डॉक्टर से मशविरा लेना चाहिए। बच्चो को विटामिन ई देने के लिए भी पहले डॉक्टर से सलाह ले और जो लोग खून को पतला करने वाली दवाई ले रहे हैं। उनको भी विटामिन ई नहीं लेना चाहिए।

अब मैं आपको विटामिन ई के वो फायदे बताउंगी जो चेहरे और बालो के लिए काफी ज़्यादा फायदेमंद हैं।

डार्क सर्कल के लिए –

अगर आपकी आँखों के नीचे काले घेरे हैं या थकी हुई आंखे हैं तब आपको रात को  विटामिन ई कैप्सूल लगाना चाहिए। एक विटामिन ई कैप्सूल लेकर इसको सूई से प्रिक कर ले और इसमें से ऑइल निकालकर इसको ऊँगली से आँखों के नीचे काले घेरे पर लगाएं। ऐसा आप कुछ दिन तक करे आपको काफी फायदा मिलेगा।

होंठो के लिए –

अगर आपके होंठ फट रहे हैं, तब आप इनको सुन्दर करना चाहते हैं। तब आप विटामिन ई कैप्सूल को ले और इसका ऑइल निकालकर अपने होंठो पर लगाएं। ऐसा करने से आपके होंठ सॉफ्ट हो जाएंगे। ऑइल को होंठो पर लगाने से पहले आपको अपने होंठो को पानी से वोश करना हैं। तब इस विटामिन ई के ऑइल को लगाना हैं।

आप इस ऑइल को आधे चम्मच बादाम के ऑइल में मिक्स करके तब भी होंठो पर अप्लाई कर सकते हैं। यदि आपके होंठो का कलर डार्क हैं। तब आप रोज़ रात को विटामिन ई कैप्सूल के ऑइल को होंठो पर लगाएं आपके होंठ पिंक हो जाएंगे।

स्किन के लिए –

विटामिन ई कैप्सूल में स्किन को ठीक करने की बहुत सारी प्रोपर्टीज़ होती है। विटामिन ई कैप्सूल में एंटी-ओक्सिडेंट काफी अच्छी मात्रा में होते हैं। अगर आपकी स्किन ड्राई हैं स्किन पर पिम्पल और एक्ने हैं। तब आप इस विटामिन ई कैप्सूल के ऑइल को उस जगह लगाएं, जहा-जहा पिम्पल हैं। ऑइल को लगाने से पहले आपको चेहरे को पहले पानी से वोश करना हैं। तब आप इस ऑइल को अप्लाई करे। आपको ये रात को सोने से पहले करना हैं और फिर सुबह उठकर अपना फेस वोश कर ले।

अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां हैं। तब आप दो विटामिन ई कैप्सूल को लेकर इनका ऑइल एक कटोरी में निकालकर इसमें एक चम्मच दही, एक चम्मच शहद और एक चम्मच निम्बू का रस डालकर मिक्स करके इस मास्क को आप अपने फेस पर लगाकर आधे घंटे इसी तरह लगा रहने दे। उसके बाद फेस को पानी से वोश कर ले। आपको ये मास्क हफ्ते में तीन दिन लगाना हैं।

बालो के लिए

विटामिन ई कैप्सूल के ऑइल से बालो को झड़ने से रोका जा सकता हैं। अगर आपके बाल दो मुहे हैं या समय से पहले जल्दी हो रहे हैं। तब आप विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल करे। इस कैप्सूल के ऑइल को आप शम्पू या फिर आप अपने ऑइल में मिक्स करके तब लगाएं।

स्ट्रेच मार्क के लिए –

स्ट्रेच मार्क ज़्यादातर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओ में देखते को मिलती हैं। इसलिए विटामिन ई के ऑइल को ओलिव ऑइल में मिक्स करके तब आप इसको स्ट्रेच मार्क पर लगाकर इसकी मसाज करे। ऐसा करने से स्ट्रेच मार्क कम हो जाएंगे।

इस तरह से आपने विटामिन ई कैप्सूल के अद्भुत फायदे जाने। तो आप भी इन फायदों को जानकर विटामिन ई का इस्तेमाल करे।

Image Source: HealthKart

Post Source: Healthy Hamesha

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