ये 10 मसाले काफी हैं सारे रोगों को जड़ से खत्म करने के लिए

रोज़ इस्तेमाल होने वाले सामान्य मसाले जो कि हम अपनी किचन में उपयोग करते हैं, वास्तव में जब इनसे जुड़े हुए स्वास्थ लाभों को ध्यान में रखा जाता है तो फिर ये बिलकुल भी सामान्य नहीं रह जाते हैं।

हर मसाला अपने में एक अलग स्वाद रखता है जो हर व्यंजन को सम्पूर्णता प्रदान करता है क्योंकि सिर्फ नमक ही हमारे स्वाद को पूरा नहीं कर सकता। यहाँ तक कि अब scientist भी हर एक मसालों से जुड़े हुए स्वास्थ्य लाभों को जानने के लिए हमारी भारतीय रसोई में आने के इच्छुक हैं। जहाँ पर इन मसालों का इस्तेमाल करने से शारीरिक स्वास्थ लाभ होता है।

वही इनके हद से ज्यादा इस्तेमाल से स्वास्थ पर काफी बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। यहां कुछ लोकप्रिय मसाले जो कि डेली अक्सर भारतीय रसोई घरों में इस्तेमाल किए जाते हैं उनके बारे में नीचे ज़िक्र किया जा रहा है।

लोकप्रिय भारतीय मसालों की सूची

हल्दी

turmeric

चाहे उत्तर भारत हो या फिर दक्षिण भारत हल्दी का इस्तेमाल अधिकतर हर भारतीय खाने में किया जाता है। इसमें Antibacterial and antiseptic गुण पाये जाते हैं। इसमें जिगर में विषहरण करने की योग्यता होती है। यह कैंसर को रोकने और दर्द निवारक के रूप में काम करती है और अंदरूनी घावों के उपचार के लिए भी बहुत ज्यादा प्रभावशाली होती है।

छोटी इलायची

Small cardamom

छोटी इलायची का स्वाद सबसे अलग होता है और इसी वजह से ज्यादातर भारतीय मीठे dishes में जैसे कि खीर, ज़र्दा, फिरनी और यहाँ तक ​​कि चाय जो कि हम रोज़ाना पीते हैं अगर उसमें भी इलायची न डाली जाए तो फिर चाय अधूरी सी लगती है।

श्वसन क्रिया को नियंत्रित रखने में यह बहुत ही ज्यादा लाभदायक होती है। पारंपरिक आयुर्वेद के अनुसार, छोटी इलाइची का इस्तेमाल पाचन तंत्र में होने वाले विकारों के उपचार के लिए भी किया जाता है और यह acidity तथा पेट से संबंधित सारी बीमारियों के लिए बहुत ही सहायक होती है।

लाल मिर्च

red chilli powder

लाल मिर्च का इस्तेमाल खाने में तीखा पन लाने के लिए करते है लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल  से आपके खाने का स्वाद बिगड़ भी सकता है। लाल मिर्च में बीटा कैरोटीन पाया जाता है जो कि फलों की तरह रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव डालता है और धूम्रपान के कारण से फेफड़े के कैंसर को रोकने में काफी मदद करता है।

लौंग

clove

प्राचीन काल से यह मालूम किया जा चुका है कि लौंग करीब सभी तरह की दन्त समस्याओं, विशेष रूप से दाँत के दर्द और मसूड़ों में सूजन के लिए बहुत ही लाभप्रद है। मसाला और गर्म मसाला तैयार करने के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल पाचन संबधी सभी समस्याओं, खाँसी और ठंड के उपचार के लिए भी किया जाता है।

ज़ीरा

Zera

सब्ज़ी और चावल अच्छी खुशबू और बेहतरीन स्वाद के लिए ज़ीरे का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय सब्जियों और दाल को और ज्यादा स्वादिष्ट बनाने में भी यह बहुत उपयोगी है। ज़ीरा हमारी immune system को स्वस्थ रखता है।

मिस्र के लोगों ने ममी बनाने की प्रक्रिया के लिए भी ज़ीरे का प्रयोग किया था। इन बीजों में स्थित फाइबर सामग्री में एंटी फंगल और लैक्सेटिव गुण पाए जाते हैं। गर्मी को शिकस्त देने के लिए भुने हुए ज़ीरे को पीसकर और सही मात्रा में नमक मिलाकर ठंडी लस्सी बनाई जाती है। ज़ीरा रोग फैलाने वाले, जैसे जुकाम से लड़ने में भी काफी मदद करता है। यह एनीमिया और पाचन विकारों का भी अच्छे से इलाज करता है।

सरसों

mustard seeds

सरसों के तेल को हर भारतीय घर में बहुत ही अच्छे से जाना जाता है। इसका इस्तेमाल कई उद्देश्यों में एक समान रूप से ही किया जाता है।

अक्सर आपको भारतीय बाथरूम में भी सरसों के तेल की बोतल देखने को मिल सकती है। सरसों Omega -3 Fatty acid, Zinc, Calcium, Iron, Vitamins – B तथा E आदि में संपन्न होती है। और इसमें पाए जाने वाले लाभकारी खनिज हड्डियों और दांतों को काफी मजबूत बनाए रखते हैं, लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं और पाचन तंत्र के कुशल संचालन में सहायता प्रदान करते हैं।

काली मिर्च

kali mirch

काली मिर्च का प्रयोग व्यंजनों में सजाने के लिए किया जाता है। इसमें सर्दी, खांसी और अन्य कई संक्रमणों से लड़ने के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह पाचन तंत्र व मांसपेशियों के दर्द में भी सहायता प्रदान करती है यह मूत्रल गुणों वाला मसाला है और हमारी बॉडी से अच्छे से पसीना निकालने में भी हमारी मदद करता है। इसके उपयोग से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

हींग

hing

हींग का इस्तेमाल मसाले के रुप में किया जाता है। यह खांसी और पेट दर्द में भी बहुत उपयोगी है। यह पाचन क्रिया में होने वाली समस्याओं को दूर करती है। इसमें श्वसन क्रिया में होने वाली समस्याओं जैसे कि अस्थमा और दिमाग संबंधी सारी समस्याओं का उपचार करने के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। अफीम के विषाणुओँ को नष्ट करने वाले गुणों से सम्पन्न होने के कारण से ही हींग का इस्तेमाल अफीम की लत को छुड़वाने में भी किया जाता है।

दालचीनी

Cinnamon

पेड़ की छाल की तरह से दिखने वाला यह मसाला अपने अन्दर भरपूर ताज़गी प्रदान करने वाले गुणों का खजाना है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक है। इसके उपयोग से सर्दी, दस्त, मासिक धर्म तनाव व कमज़ोर रक्त संचालन से भी बहुत आराम मिलता है।

काली इलायची (बड़ी इलायची)

black cardamom

आमतौर पर तो इसका इस्तेमाल पुलाव में ही किया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल फूले हुए पेट (गैस या फिर अपच संबधी रोग) तथा पाचन संबंधी रोगों के उपचार के लिए भी किया जाता है यह पाचन क्रिया को सही से चलाने में भी सहायता प्रदान करता है। इनमें से सिर्फ एक मसाले के इस्तेमाल से भोजन में एक बड़ा बदलाव आ जाता है। स्वस्थ रहने और स्वादिष्ट भोजन के लिए इन मसालों का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।

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