क्या आपको पता है कितनी सेफ है आपके शिशु की दूध की बोतल?

हम अपने बच्चे की सभी चीज़ो को साफ-सुथरा रखने पर पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं। फिर चाहे उसके कपड़े हो , बेड, कमरा, जमीन या फिर बर्तन और हाँ सबसे ज़्यादा खास उसकी दूध पीने वाली बोतल। अगर आप भी अपने बच्चे को बोतल से दूध पिलाने के बारे में सोंच रहीं है तो फिर उससे पहले अपने डॉक्‍टर से अवश्य सलाह लें। अगर आपको दूध बोतल से पिलाना ही है तो फिर उसकी हाईजीन का पूरा-पूरा ख्‍याल रखें।

टिप्‍स child health care tips

कई सारी रिसर्च से यह बात सामने आई है कि दूध पीने वाले शिशु की फीडिंग वाली बोतलों में बिसफेनोल-ए नाम का Chemical पाया जाता है। जो कई सारी खतरनाक बीमारियों को जन्म दे सकता है अगर आप लोग भी अपने बेबी को बॉटल से फीड कराती हैं। तो फिर इन बातों का आपको खास ख्याल रखना चाहिए दूध पिलाने की बोतलों में बिसफेनोल-ए (B.P.A.) नाम का एक Chemical पाया जाता है। बी.पी.ए. एक ऐसा केमिकल है जो प्लास्टिक को सख़्त बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

ऐसे में ये करना चाहिए हर मां को

अपने शिशु की बोतल को हमेशा ही गर्म पानी से धोएं और उसे हर तीसरे दिन पांच मिनट तक उबाले बोतल में रखे हुए दूध को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव का प्रयोग कभी भूल से भी न करें।

बॉटल के निप्पल को साबुन वाले गर्म पानी में कुछ देर के लिए भिगोकर रख दें और फिर इसे अच्छी तरह से धो लें। बॉटल के निप्पल पर हल्की सी भी खरोच आने पर या फटने पर इसे फ़ौरन बदल दें।

जब आपका बच्चा सो जाएं तो उसके मुंह से दूध की बोतल को ध्यान से निकाल दें। अगर आप ऐसा नहीं करते तो फिर आपके बच्चे को कान का इंफेक्शन व दांत खराब होने का खतरा भी हो सकता है।

बोतल से दूध पिलाने के प्रयोग से बचने का एक बेस्ट उपाय यह है की जितना भी हो सके शिशु को ब्रेस्टफीड कराएं। ब्रेस्टफीड करानी वाली माँ को आवश्यकता होती है। एक संतुलित आहार की जिससे कि उसके सही मात्रा में दूध बन सके और ऐसे में दलिया फल-सब्जियां, गाजर, अनार ओट्स, नट्स, दूध पानी, कुकीज, तिल को अपने आहार में अवश्य शामिल कर लें।

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