‘चीनी’ है बीमारियों का भंडार इसलिए चीनी की जगह करे ये 5 चीज़े इस्तेमाल

पुराने समय से लेकर अब तक खाने को लेकर हमारे जीवन में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है। पहले भोजन भूख मिटाने ऊर्जा प्राप्त करने व स्वस्थ रहने के लिए किया जाता था।

लेकिन आज हम सभी लोग सिर्फ ऐसी चीजें खा रहे हैं जो कि स्वाद में अच्छी लगे और देखने में भी खूबसूरत नजर आए। शरीर के अंदर जाने के बाद हमारी सेहत पर इनका क्या प्रभाव पड़ता है। यह जानते हुए भी हम लगातार इन्हीं चीजों का सेवन करते रहते हैं। चीनी भोजन में मिठास लाने की एक ऐसी वस्तु है जो कि पूरी दुनिया में पाई जाने वाली आज 60% से भी ज्यादा बीमारियों की वजह बन चुकी है और इससे फैलने वाली बीमारियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।

वजह है लोगों का चीनी ना छोड़ पाना क्योंकि जब भी लोगों को शुगर कम करने की सलाह दी जाती है। तो उन्हें यही लगता है कि मीठा खाना बंद करना होगा जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। हमेशा ध्यान रखें कि मीठा और चीनी दो अलग-अलग चीजें हैं।

एक व्यक्ति मीठा तो भरपूर मात्रा में खा सकता है लेकिन चीनी बिल्कुल नहीं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर Dr. Robert lustig का यह कहना है कि चीनी हमारे शरीर पर शराब यानी कि अल्कोहल की तरह असर दिखाती है और उतनी ही खतरनाक भी है।

Robert lustig मेडिकल इंडस्ट्रीज से जुड़ा एक जाना माना नाम है। यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने देश में चीनी के सेवन से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, फैटी, लीवर, सेक्सुअल कमजोरी और दिल की बीमारियों के चलते शुगर के इस्तेमाल के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई थी।

Dr. Robert lustig 
Robert lustig

चीनी के अलावा कौन-कौन सी चीजें हैं जिनसे भोजन में चीनी जैसी मिठास भी लाई जा सके और वे सेहत के लिए भी लाभकारी हो। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए यही बताएंगे।

चीनी इतनी खतरनाक क्यों है?

आज कल दुनियाभर के लोग इस से पीछा छुड़ाने के लिए शुगर फ्री चीजों का ज्यादा सेवन क्यों कर रहे हैं। चीनी गन्ने के रस से बनाई जाती है। लेकिन गन्ने के रस से लेकर चीनी के क्रिस्टल बनने की पूरी प्रक्रिया में इसके सभी नियूटरस खत्म हो जाते हैं और साथ ही इसमें कई तरह के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल भी होता है।

पोषक तत्व के नजरिए से अगर देखा जाए तो चीनी में मीठे और केमिकल के अलावा कुछ भी नहीं होता इसके अंदर प्रोटीन विटामिन और मिनरल्स की मात्रा शुन्य है। जब हम कुछ खाते हैं तो उसे पचाने की प्रतिक्रिया दांतों में चबाते समय शुरू हो जाती है।

लेकिन चीनी खाने पर ऐसा नहीं होता चीनी पेट में जाने के बाद भी ठीक से नहीं पचती और यहां तक कि हमारी आंते भी इसे पूरी तरह पचाने में असमर्थ होती हैं।

यही वजह है कि चीनी से बनी चीजों का एक निवाला भी हमारे शरीर में वजन बढ़ाता है। शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने पर त्वचा में झुर्रियां बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं। यानी कि ज्यादा चीनी का सेवन हमें जल्दी बूढा बना देता है।

चीनी एसिडिक होती है इसीलिए चेहरे और शरीर पर होने वाले एक्ने भी चीनी के अधिक इस्तेमाल का नतीजा हो सकते हैं। चीनी से बने ड्रिंक जैसे कि शरबत, कोल्ड कॉफी और कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से डायबिटीज होने का खतरा 83 प्रतिशत बढ़ जाता है।

ज्यादा चीनी के सेवन से इंसुलिन का संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाता है और साथ ही मीठी चीजें दांतों में सड़न पीलेपन को बढ़ावा देती हैं। चीनी का असर हमारे दिमाग पर भी होता है इसीलिए ज्यादातर लोगों को चीनी की वजह से मीठा खाने की आदत पड़ जाती है और जो लोग ज्यादा मीठा खाना पसंद नहीं करते उन्हें भी थोड़े टाइम बाद मीठा पसंद आने लगता है।

यह ऐसी चीज है जिसे बार-बार खाने का मन होता ही होता है और हर बार इसे खाने की इच्छा पहले से ज्यादा बढ़ती चली जाती है। पेट और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में जमने वाली चर्बी चीनी का हमारे शरीर पर होने वाला सबसे बुरा प्रभाव दर्शाती है।

क्योंकि चीनी की वजह से जमने वाली चर्बी से हमें दिल की बीमारियाँ, हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों की समस्या, गठिया, यूरिक एसिड इनसोम्निया, किडनी और केंसर जैसी 60 से भी ज़्यादा बीमारियां हमें हो सकती हैं।

चीनी के हमारे शरीर पर जितने नुकसान बताए जाएं उतने कम है। लेकिन बावजूद इसके सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक मिठाई, जूस और हलवा इस तरह के पकवान बनाते समय हम चीनी का ही इस्तेमाल करते रहते हैं।

कैसा रहेगा अगर हमे चीनी जैसी कोई और चीज मिल जाए जो हमें नुकसान पहुंचाने की बजाएं फायदा पहुंचाएं।

आइए जानते हैं पांच ऐसी चीजों के बारे में जिनका हर तरह की बनाई जाने वाली चीजों में नेचुरल स्वीट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।

देसी खांड और मिश्री

Mishri and desi khandदेसी खांड और मिश्री का सेवन वैसे तो पुराने समय से किया जाता आ रहा है। लेकिन चीनी आ जाने के बाद लोग इन्हें भूल चुके हैं। गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिनों तक लगातार हिलाया जाता है। उसके बाद इसे वॉशिंग मशीन की तरह घूमने वाली मशीन में तेज रफ्तार में घूमा कर इसे पानी और दूध की मदद से साफ किया जाता है।

जिससे कि इस में जमी सारी गंदगी साफ हो जाती है और सूखने पर इसका रंग सफेद हो जाता है। इस तरह से देशी खांड बारीक रवे के जैसे पाउडर के रूप में तैयार होता है।

मिश्री बनाने के लिए तैयार खांड को गर्म करके पिघलाया जाता है और इसमें लंबे धागों को डालकर क्रिस्टल के रूप में बदल दिया जाता है। बाजार में जो चौकोर छोटे आकार की मिश्री मिलती है उसका इस्तेमाल ना करें। क्योंकि वह भी चीनी का ही एक बड़ा रूप है।

हमेशा केवल धागे वाली बड़े आकार की मिश्री का ही प्रयोग करें यह दोनों ही चीजें आपको राशन की दुकान या पंसारी की दुकान में कम दामों में आसानी से मिल जाएगी। मिश्री और खांड हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं इसीलिए आयुर्वेद में भी इनका इस्तेमाल अलग-अलग तरह की जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर किया जाता आ रहा है

चीनी में जहां कोई खनिज लेवल नहीं पाया जाता वही खांड और मिश्री पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। क्योंकि इन्हें चीनी की तरह रिफाइंड नहीं किया जाता इन दोनों को ही चीनी की जगह मिठास के लिए लस्सी, खीर, हलवा, मिठाई और चाय आदि जैसी चीजों के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यह कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, डाइटरी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।

कोकोनट शुगर

coconut sugarदेसी खांड और मिश्री की तरह कोकोनट शुगर भी पूरी तरह अन रिफाइंड होती है। यानी कि इसे बनाने में बहुत ज्यादा सफाई धुलाई और केमिकल का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता। कोकोनट शुगर बनाने के लिए पहले नारियल के पेड़ के फूलों और डंडे से मीठा पानी इकट्ठा किया जाता है। उसे पकाने के बाद ठंडा करके जमा दिया जाता है।

कोकोनट शुगर में कैलोरीज आम शुगर के बराबर ही होती है। लेकिन इसे हमारा शरीर आसानी से पचा सकता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। यह साधारण चीनी की तुलना में बहुत ज्यादा हल्की होती है इसमें आयरन, पोटेशियम, जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं और उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स शुगर के मुकाबले काफी कम होता है। कोकोनट शुगर आपको किसी भी सुपरमार्केट या फिर ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगी।

डेट्स शुगर

Datas sugarsडेट्स शुगर यानी खजूर को भी मिठास के लिए चीनी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। डेट्स शुगर घर पर भी बनाई जा सकती हैं। या फिर आप चाहें तो इसे मार्केट से बना हुआ भी खरीद सकते हैं। सूखे हुए खजूर के बीज निकालकर इन्हें हल्का सा भून लें और फिर मिक्सर में चला कर इसका पाउडर बना लें।

पाउडर बन जाने के बाद इसे छानकर किसी जार में भरकर रख लें हालांकि खजूर से बने इस मीठे का चाय, कॉफी जैसी चीजों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। क्योंकि उसका खुद का भी एक अलग फ्लेवर होता है और फाइबर की अधिकता की वजह से यह तरल में पूरी तरह से नहीं घुल पाती लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल गर्म दूध में मिलाकर मिठाइयां, स्वीट डिश बनाने जैसे कि खीर, हलवा, मीठा दलिया बनाने ओट्स जैसी चीजों को बनाने में किया जा सकता है।

डेट्स शुगर को रेगुलर शुगर का सबसे हेल्दी अल्टरनेटिव माना जाता है। क्योंकि इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके इस्तेमाल से शरीर में जमा कोलेस्ट्रोल कम होता है और साथ ही यह हमारी हड्डियों को भी मजबूत बनाती है। जिन लोगों को भोजन ठीक तरह से नहीं पचता है। जिन्हें दिन भर थकान महसूस होती रहती है उनके लिए भी यह बहुत ही उपयोगी है।

गुड

Jaggeryगुड भी चीनी की जगह पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। गुड़ की तासीर गर्म होती है इसीलिए इसे ठंड या फिर बरसात के मौसम में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पोषक तत्व के नजरिए से अगर देखा जाए तो गुड़ में विटामिंस और मिनरल्स की मात्रा मिश्री खांड और कोकोनट शुगर से कहीं ज्यादा होती है।

क्योंकि यह सबसे ज्यादा अन रिफाइंड और रॉ फॉर्म में होता है चीनी जहां एसिडिक होती है वही तासीर गर्म होने के बावजूद भी गुड अलकिलेटिक होता है एक व्यक्ति जितनी ज़्यादा अलकिलेटिक डाइट फॉलो करता है। उतना ही ज्यादा स्वस्थ और निरोगी बना रहता है। जिन लोगों के शरीर में कफ की मात्रा अधिक होती है उन्हें गुड़ का ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए यह नसों में आई ब्लॉकेज को ठीक करने से लेकर लीवर की सफाई करने के लिए भी बहुत लाभकारी है।

रॉ हनी

Raw honey,रॉ हनी याकि की कच्चा शहद मिठास का एक अच्छा स्रोत है बल्कि यह हमारी सेहत के लिए भी बहुत अधिक फायदेमंद होता है। लेकिन मार्केट में आजकल मिलावट वाले शहद की बिक्री बढ़ने की वजह से अक्सर लोग इससे मिलने वाले फायदों से पूरी तरह वंचित हो जाते हैं।

शहद के फायदों को नहीं समझने की गलती कर देते हैं शहद कभी खराब नहीं होता फिर भी बड़ी-बड़ी कंपनियां इसे रिफाइंड कर के बेचती हैं। इसीलिए हमेशा ऐसे शहद का इस्तेमाल करें जिस पर अन रिफाइंड या रॉ हनी लिखा हुआ हो और अगर हो सके तो अपने क्षेत्र में लोकल शहद निकालने वालों का पता लगाकर उनसे कच्चा शहद खरीदें।

शहद शरीर में हर तरह की एलर्जी को ठीक करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है और साथ ही मैनेजमेंट के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

आज की इस पोस्ट में बताई गई एक या एक से अधिक चीजों का अलग-अलग जगह पर चीनी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने से चीनी से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता हैं। चीनी को छोड़ देने से मोटापा और डायबिटीज का खतरा तो कम होता ही है साथ ही एसिडिटी, हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर, कैलेस्ट्रोल और माइग्रेन जैसी बीमारियों में भी बहुत लाभ मिलता है।

बताई गई सभी चीजें वैसे तो चीनी की तरह ख़तरनाक बिल्कुल भी नहीं है। लेकिन फिर भी मिठास की वजह से इनमें कैलोरीज की मात्रा चीनी से बहुत ज्यादा कम नहीं है। इसीलिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में किसी भी मीठे पदार्थ का सेवन हमें नहीं करना चाहिए।