तो इसलिए पहनती हैं लड़कियां चूड़ी, बिछिया, पायल ये है इसके ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ अवश्य पढ़े

चूड़ी पहनने के फायदे

चूड़ी कलाई की त्वचा से घर्षण करके हाथों में रक्त संचार को बढाती है यह घर्षण ऊर्जा भी पैदा करता है जो कि थकान को आप पर जल्दी हावी नहीं होने देता हैं।

कलाई में गहने पहनने से श्वास रोग, ह्रदय रोग की सम्भावना घटती जाती है चूड़ी मानसिक संतुलन बनाने में भी बहुत सहायक है एक औरत को सभी कार्यक्षेत्र पर बराबर ध्यान देने के लिए सही मानसिक संतुलन बहुत आवश्यक है।

चटकी हुई या फिर दरार पड़ी हुई चूड़ियाँ कभी नहीं पहननी चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा बढती है।

लाल रंग व हरे रंग की चूड़ियाँ सबसे ज्यादा अच्छे असर वाली मानी जाती हैं।

बिछिया पहनने के फायदे

ज्यादातर तो विवाहित महिलाएं पैरो में बीच की 3 उँगलियों में बिछिया पहनती है यह गहना सिर्फ साज-श्रृंगार की वस्तु लगती है, परन्तु इस पुराने रिवाज के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छुपा हुआ है।

दोनों पैरों में बिछिया पहनने से महिलाओं का हार्मोनल सिस्टम एकदम सही रूप से कार्य करता है।

बिछिया एक्यूप्रेशर उपचार पद्दति पर कार्य करती है जिससे कि शरीर के निचले अंगों के तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियां सबल रहती हैं।

ऐसा माना जाता है कि बिछिया एक खास नस पर प्रेशर बनाती है जो गर्भाशय में समुचित रक्तसंचार प्रवहित करती है और इस तरह से बिछिया औरतों की गर्भधारण क्षमता को स्वस्थ रखती है।

मछली के आकार की बिछिया सबसे ज्यादा असरदार मानी जाती है मछली का आकार मतलब बीच में गोलाकार और आगे व पीछे से कुछ नोकदार सी।

पायल पहनने के फायदे

पायल पैरों से निकलने वाली शारीरिक विद्युत ऊर्जा को शरीर में संरक्षित रखती है।

पायल महिलाओं के पेट व निचले अंगों में वसा बढ़ने की गति को काफी हद तक रोकता है।

वास्तु के अनुसार पायल की छन-छन निगेटिव ऊर्जा को दूर करती है।

चांदी की पायल पैरो से घर्षण करके पैरों की हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।

पैर में पायल पहनने से महिला की इच्छा-शक्ति मजबूत होती है और आपने देखा भी होगा कि औरतें अपने स्वास्थ की चिंता किएं बिना पूरी लगन से परिवार के भरण-पोषण में जुटी रहती हैं।

पैरों में हमेशा चांदी की ही पायल पहने सोने की पायल शारीरिक गर्मी का संतुलन खराब करके रोग उत्पन्न भी कर सकती हैं।

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