रोज सुबह पपीते के पत्तों का रस पीने से जड़ से खत्म हो जाएंगे ये भयंकर रोग

दोस्तों आज हम आपको पपीते के पत्ते खाने के या फिर उसका जूस पीने के फायदो के बारे में बताएंगे। क्या आप यह बात जानते हैं कि पपीते के पत्ते अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आपके शरीर में जितने भी रोग है  वह सभी रोग पपीते के पत्ते के इस्तेमाल से दूर हो जाते हैं।

पपीते के पत्तो में विटामिन A, B, C, D और E पाया जाता है और इसके साथ ही केल्शियम की मात्रा भी इसमें काफी पाई जाती है।

जो लोग अपनी सेहत के प्रति जागरूक है वह पपीते के पत्तो का इस्तेमाल करने लगे है इसके प्रयोग से घातक रोग जैसे की केंसर दिल की बीमारी डेंगू, ब्लड शुगर व आंतो में बसे परजीवियों को नष्ट करने में सफलता मिलती है। पपीते के पत्तो का इस्तेमाल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ता है।

पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाएं

पपीते की पत्तो का जूस बनाने के लिए सबसे पहले एक साफ़ पत्ता लें फिर उसको सिल बट्टे की मदद से चटनी की तरह पीस लें या फिर एक पत्ते को मिक्सी के चटनी वाले जार में छोटे-छोटे टुकड़े करके और साथ में थोडा सा पानी डालकर इसका जूस बना लें और बाद मे इसे किसी बारीक़ छन्नी में छान लें

डेंगू में तो ये रामबाण की तरह काम करता है

एक्सपर्ट के कहे अनुसार डेंगू व चिकनगुनिया में प्लेटलेट्स बहुत तेज़ी से घटती है। और अगर इसमें सावधानी न बरती जाए तो फिर ये बीमारी जानलेवा भी हो सकती है और इन दोनों जानलेवा बीमारियों में पपीते का पत्ता डेंगू और चिकनगुनिया का रामबाण इलाज है। पपीते के पत्तों में पाया जाने वाला Acetozinin डेंगू और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों को रोकने में काफी मददगार साबित होता है

पपीते की ताज़ी व छोटी पत्तियां शारीर से डेंगू के विषेले जहर को निकालने में मदद करती है। पपीते की ताज़ी पत्तियों को पीसकर उसके रस को रोगी को पिलाने से प्लेट्लेटस बढ़ने लगती है। पपीते को अच्छे से कूट कर इसका काढ़ा बना लें और सूती कपडे में छान लें इस काढ़े को रोगी को दिन में तीन बार देने से डेंगू बुखार जड़ से खत्म हो जाता है। पपीते के पत्तों का जूस किसी भी जूस में मिलाकर रोगी को दे सकते है।

ये जड़ी बूटी रक्त में ब्लड प्लेट्लेटस बढ़ा देती है इसीलिए पपीते के दो चम्मच रस को कुछ दिनों तक रोज़ाना पीना चाहिए।

केंसर रोधी गुण

पपीते के पत्तो में केंसर रोधी गुण होते है जोकि इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते है और सर्विकल केंसर, ब्रेस्ट  केंसर, अग्नाशय केंसर जिगर और फेपड़ो के केंसर होने से रोकते है। इसके अलावा ख़राब बेक्टीरिया की ग्रोथ को भी रोकते है केंसर के रोगी के लिए पपीते के पत्तों का रस या काढ़ा पीना बहुत ही फायदेमंद होता है।

अगर आपसे पपीते के पत्तों का रस नहीं पिया जाता तो आप पपीते के पत्तों की पीसकर पिट्ठी (चटनी) बना लें एक कप पानी में दो चम्मच पिट्ठी डालकर इसको आधा कप होने तक उबाल लें जब ये आधा कप रह जाएँ तो छानकर पी लें। अगर आपसे ऐसे नहीं पिया जाता तो इसमें एक चम्मच शहद डालकर भी पी सकते है। इसी तरह से जो आपने पपीते के पत्तों को पीसकर चटनी बनाई है इसको सूती कपडे में निचोड़ने से जो रस निकलता है इस रस के तीन से चार चम्मच सुबह और तीन से चार चम्मच शाम को खाना खाने से एक घंटा पहले लेने से केंसर सेल्स ख़त्म हो जाते है।  

पपीते के स्वास्थ्य लाभ

पपीते की पत्तियों में 50 एक्टिव सामाग्रिया होती है जोकि सुख्षमय जीवों जैसे कि फंगस, कीड़े परजीवी, केंसर कोशिकाओ के विभिन रूपों को बढ़ने से रोकती है इसके अलावा ये इम्युनिटी को बढाता है।

पपीते के पत्तो में सर्दी-जुकाम से लड़ने की शक्ति होती है ये रक्त में वाईट ब्लड सेल्स को कम करके प्लेट्लेटस को बढ़ा देती है।

पपीते के पत्तो में एंटी म्लेरियां गुण पाएं जाते है ये म्लेरियां से लड़ने में बहुत ही लाभदायक होते है। पपीते की पत्तियों का रस म्लेरियां को बढ़ने से रोकता है।

महावारी के दर्द में मिलेगी राहत  

इसके अलावा ये महावारी के दर्द से भी छुटकारा दिलाता है महावारी के दर्द को दूर करने के लिए ये काढ़ा बनाएं जिसमे एक पपीते की पत्ती को 5 इमली के बीज, नमक और एक गिलास पानी लेकर इसको 5 मिनट उबाल लें जब काढ़ा पक जाएँ तो थोड़ा सा ठंडा करके पीलें इससे आपको काफी आराम मिलेगा।

महावारी में पडू में दर्द होने पर पपीते के पत्तों का रस पीने से दर्द एकदम ठीक हो जाता है और बच्चा दानी में जो सुजन होती है वह भी ठीक हो जाती है और मासिक धर्म भी ठीक से आता है।

पीसी ओडी की शिकायत होगी दूर

पिसिओडी से परेशान महिलाओ के लिए पपीते के पत्तों का काढ़ा या रस बहुत ही फायदेमंद है लगातार 21 दिनों तक पपीते के पत्तों का काढ़ा या रस पीने से मासिक धर्म खुलकर आएगा और पीसी ओडी की शिकायत एकदम ठीक हो जाएगी और हार्मोन्स का संतुलन भी ठीक हो जायेगा।

मुहांसों को दूर करने में भी ये बहुत ही लाभकारी होता है

अगर आपके फेस पर मुहांसे है तो सूखे पपीते की पत्तियां लेकर उसे थोड़े से पानी में मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। फिर इसको चहरे पर लगाएं 10 से 15 मिनट में जब ये सूख जाएँ तो ताज़े पानी से चहरे को धो लें ऐसा करने से आपके चहरे के सारे मुहासे खत्म हो जायेंगे।

पाचन तंत्र होगा मजबूत

अगर आप पपीते के पत्ते की चाय पिएंगे तो आपका पाचन तंत्र मजबूत हो जायेगा और आपको भूख लगने लगेगी।  

जो लोग बार-बार बीमार पड़ते रहते है एक बीमारी ठीक होते ही फिर दूसरी हो जाती है दूसरी का इलाज करवाते है तो तीसरी हो जाती है। उन लोगों की रोग प्रतिरोधक प्रणाली कमज़ोर हो जाती है तो उसमे भी पपीते का रस बहुत ही लाभकारी होता है पपीते का रस या काढ़ा पीने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

मौसम चेंज होने पर भी जो लोग खांसी, जुकाम फिलू या अस्थमा अलर्जी से परेशान रहते है उनके लिए भी पपीते के पत्तों का रस पीना बहुत ही फायदेमंद होता है और इसका काढ़ा पीना भी बहुत लाभकारी होता है। 

एनीमिया

एनीमिया से परेशान लोगों के शारीर में रक्त की कमी के कारण चेहरा और शारीर पीला दिखने लग जाता है। उन्हें पिलियां नहीं होता बल्कि उनके अन्दर खून की कमी हो जाती है इसके लिए पपीते के पत्ते का रस या काढ़ा सुबह शाम पीने से एनीमिया की शिकाया खत्म हो जाती है।

नजर कमज़ोर होने पर

जिन लोगों की नजर कमज़ोर है या मोतिया हो गया है उन लोगों को पपीते के पत्तों का रस या काढ़ा सुबह शाम-पीना बहुत ही लाभकारी होता है। रस काढ़े की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है क्योकि इसमें विटामिनस मौजूद रहते है काढ़े में थोड़े कम हो जाते है। फायदेमंद तो काढ़ा भी है लेकिन रस ज्यादा बहतर होता है पपीते के पत्तों के रस में आप शहद, मिश्री या देसी खांड मिलाकर भी पी सकते है।

इसका लगातार इस्तेमाल करना बहुत ही फायदेमंद होता है लगातार इस्तेमाल से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है।

बालो की समस्या के लिए

जिन लोगों के बाल बहुत ज्यादा झड रहे है या सफेद हो रहे है या फिर गंजापन बढ़ता जा रहा है वह लोग अपने सर पर पपीते के पत्तों का रस लगा लें फिर 15 मिनट बाद सर को धोले साथ ही तीन चम्मच पपीते के पत्तों का रस सुबह खाली पेट ले और शाम को खाना-खाने से पहले लें ऐसा करने से बालो की सारी समस्या खत्म हो जाएगी। क्योकि पपीते के पत्तों में बैक्टीरिया और वायरस, फंगल इन्फेक्शन को खत्म करने के गुण पाएं जाते है। इसमें काफी सारे विटामिन्स भरे हुए है इसीलिए ये बालो की जड़ों को मज़बूत बनाता है।

Post Source: All Ayurvedics

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