Chyawanprash Recipe in Hindi च्यवनप्राश सबसे ज्यादा अधिक बिकने वाला आयुर्वेदिक (Ayurvedic) उत्पाद है और सबसे अधिक गुणकारी भी हैं हम इसे घर पर भी बहुत आसानी से बना सकते हैं घर पर च्यवनप्राश बनाने का सही और आसान तरीका।
आवश्यक सामग्री – necessary ingredients – best chyawanprash recipe
च्यवनप्राश में मुख्य सामग्री आवंला सहित करीब 40 प्रकार की सामग्री प्रयोग की जाती है ये अधिकतर इस तरह की दवायें बेचने वाले पंसारी के पास बहुत आराम से मिल जातीं है च्यवनप्राश को उबालते समय मिलाने वाली जड़ी बूटियों में अगर कुछ न भी मिले तो जो उपलब्ध हैं आप उन्हीं से च्यवनप्राश बना सकते हैं च्यवनप्राश में प्रयोग होने वाली सामग्री में केसर सबसे महंगी है बाकी सारी सामग्री ज्यादा महंगी नहीं है इनमें निम्न पांच तरह की सामग्री प्रयोग होती है।
Chyawanprash Ingredients प्रधान सामग्री
chyawanprash ingredients list ज़रूरी सामग्री
आवंला 5 किलो, बिदरीकन्द, सफेद चन्दन, वसाका, अकरकरा, शतावरी, ब्राह्मी, बिल्व, छोटी हर्र (हरीतकी), कमल केशर, जटामानसी, गोखरू, कचूर, बेल, नागरमोथा, लोंग, पुश्करमूल, काकडसिंघी, दशमूल, जीवन्ती, पुनर्नवा, अंजीर, असगंध (अश्वगंधा), गिलोय, तुलसी के पत्ते, मीठा नीम, संठ, मुनक्का, मुलेठी, (50 ग्राम) प्रत्येक।
यमक सामग्री
- तिल का तेल = 250 ग्राम
- घी = 250 ग्राम
संवाहक सामग्री
चीनी = तीन किलो
प्रेक्षप सामग्री
- पिप्पली = 100 ग्राम
- बंशलोचन = 150 ग्राम
- दालचीनी = 50 ग्राम
- तेजपत्र = 20 ग्राम
- नागकेशर = 20 ग्राम
- छोटी इलायची = 20 ग्राम
- केसर = 2 ग्राम
- शहद = 250 ग्राम
च्यवनप्राश बनाने की विधि – How to make chyawanprash recipe
सबसे पहले आवले को धो लें धुले हुए आंवले को कपड़े की पोटली में बांध लें।
अब किसी बड़े स्टील के भगोने में 12 लीटर पानी भरे संसाधन सामग्री की जड़ी बूटियां डाले और बंधे हुए आंवले की पोटली भी इसमें डाल दें भगोने को तेज़ आग पर रखे उबाल आने के बाद आग धीमी कर दें आंवले और जड़ी बूटियों को धीमी आग पर एक से डेड़ घंटे तक उबलने दें जब आंवले बिलकुल नरम हो जाएं तब गैस को बन्द कर दें आंवले और जड़ी बूटियों को उसी तरह भगोने में उसी पानी में रातभर या फिर 10 से 12 घंटे तक ढककर पड़े रहने दें।
हमारे घर में बड़ा बर्तन उपलब्ध नहीं था इसलिये मैने आंवले को दो भागों में बांटकर उबाला आप उपलब्धता के अनुसार ही इसे एक या दो या फिर तीन भागों में बांटकर उबाल सकते हैं।
अब आंवले की पोटली निकाल कर जड़ी बूटियों से अलग कर लें आप देखेंगे कि आंवले सांवले रंग के हो गये हैं आंवलों ने जड़ी बूटियों का रस अपने अन्दर तक सोख लिया है अब सारे आंवले से गुठली निकाल कर अलग कर लें।
जड़ी बूटियां का वेस्ट छलनी से छान कर अलग कर दें जड़ी बूटियों का पानी अपने पास छान कर संभाल कर रख लें यह च्यवनप्राश बनाने के काम आयेगा।
जड़ी बूटियों के साथ उबाले हुए आंवलों को जड़ी बूटियों से निकला थोड़ा थोड़ा पानी मिलाकर मिक्सर से एकदम बारीक-बारीक पीस लें और बड़ी छ्लनी में डालकर चम्मच से दबा-दबा कर छान लें सारे आंवले इसी तरह से पीस कर छान लें आंवले के सारे के सारे रेशे छलनी के ऊपर रह जायेंगे जो वेस्ट है उन्हें फैंक देंगे अगर जड़ी बूटी से छाना हुआ पानी बचा हुआ है तो फिर इसे भी इसी पल्प में मिला सकते हैं जड़ी बूटियों के रस और आवंले के पल्प के मिश्रण को हम च्यवनप्राश बनाने के काम में लेंगे।
अब लोहे की कढ़ाई लें जिसमें पल्प आसानी से भूना जा सके आग पर गर्म करने के लिए रख दें और इसे पकाकर गाढ़ा कर लें।
कढ़ाई में तिल का तेल डाल कर गर्म करें गरम तेल में घी डाल कर घी पिघलने तक गर्म करे जब तिल का तेल अच्छी तरह से गर्म हो जएं तब आंवले का छाना हुआ पल्प डाले और चम्मच से चलाते हुए पकाएं मिश्रण में उबाल आने के बाद चीनी डाले और बराबर चम्मच से चलाते हुए मिश्रण को एकदम गाड़ा होने तक पका लें आप लोहे की कढाई की उपलब्धतानुसार इसे एक या दो बार में पका सकते हैं इसे पकाने के लिए स्टील का बर्तन न लें।
जब ये मिश्रण एकदम गाड़ा हो जाए तो गैस से उतार कर इस मिश्रण को 5 से 6 घंटे तक लोहे की कढ़ाई में ही ढककर रहने दें पांच या 6 घंटे बाद इस मिश्रण को आप स्टील के बर्तन में निकाल कर रख सकते हैं।
प्रेक्षप द्रव्य में दी गई लिस्ट में से छोटी इलायची को छील लें इसके बाद छिली हुई छोटी इलायची के दानो में पिप्पली, बंशलोचन, दालचीनी, तेज़पात, नागकेशर को मिक्सी में एकदम बारीक-बारीक पीस लें पीसते समय या पीसने के बाद मिक्सी के ढक्कन को थोड़ी देर के बाद ही खोलें ताकि पिप्पली और बंसलोचन की भस आपको बिलकुल भी न लगे।
अब इस पिसी हुई सामग्री को शहद और केसर में मिलाकर आंवले के मिश्रण में अच्छी तरह से मिक्स कर दें आपका च्यवनप्राश (Homemade Chyawanprash) बनकर तैयार है।
इस च्यवनप्राश (chywanaprash banane ki vidhi) को एअर टाइट कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भर कर रख लें और पुरे साल इसका प्रयोग करें।