कुकिंग के समय कहीं आप भी तो नहीं करती ये 50 गलतियाँ

common cooking mistakes आप अपना वजन घटाने की कोशिश कर रहे हों या फिर आपको इस बात का पता चलता है कि आपके किसी फैमिली मेंबर को High cholesterol या फिर हाइपरटेंशन जैसी शिकायत हो गई है। तो इसके बाद सबसे पहला काम आप यही करते हैं की अपने खाना बनाने का  तरीका बदल लेते है। घर का बना खाना स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा होता है।

घर में बनी हुई पूरियां पराठा और गुलाब जामुन जैसी मिठाईयां भी बाहर से खरीदी हुई चीज़ों से बहुत बेहतर होती हैं। लेकिन जब भी कभी आप अपना पुराना कुकिंग आयल को बदलती हैं अपने खाने को और ज़्यादा हेल्दी बनाने के लिए तो फिर इसमें कई बार हो जाती है ये गलतियां वह कैसे? चलिए आज हम आपको बताते हैं कि जब भी आप अपनी Cooking Style में बदलाव करें तो फिर किन-किन बातों का रखे ध्यान

  1. आजकल ऑलिव ऑइल का काफी ज़्यादा चलन है परन्तु इसके प्रयोग से पहले एक बार अवश्य पता करें कि क्या आपका ऑलिव ऑइल गरम आंच पर पकाए जाने वाले डोसे  व सब्जियों के लिए बिलकुल ठीक है।
  2. एक्स्ट्रा वर्जिन ऑइल  का प्रयोग कभी न करें कभी-कभार अगर आप इस तेल में  कुछ तलना चाह रही है तो  फिर सबसे पहले तेल के स्मोक पॉइंट का पता करें। क्योंकि ख़राब या जले हुए तेल में पका हुआ घर का खाना भी हमेशा अच्छा नहीं होता है।
  3. अलग-अलग आकार की सब्ज़ियों को एक साथ पैन में न डाले क्योंकि जो रेसिपी बुक अपने पढ़ी है उसमें वह बहुत ही सुंदर दिख रही थी। सब्ज़ियों को एक समान साइज़ में ही काटें। अलग-अलग और बड़े आकार में कटी हुई सब्ज़ियों को पकने में अधिक समय तो लगेगा ही और साथ ही साथ उनके पोषक तत्व  भी नष्ट हो जाते है। और इसी के साथ सब्ज़ियों को पैन या फिर कढ़ाई में उन्हें पकने में लगने वाले समय के हिसाब से ही डालें ना कि आप एक साथ डाल दें। जैसे कि गाजर को पकने में शिमला मिर्च से ज़्यादा टाइम लगता है इसीलिए फ्राई पैन में पहले गाजर ही डालें।
  4. कभी भी ऐसे नॉन स्टिक बर्तनों का प्रयोग ना करें जिनकी कोटिंग या फिर उन पर लगी हुई काली परत निकल रही हो। क्योंकि गरम होने पर ऐसे बर्तनों से एक अलग तरह की गंध आने लगती है।
  5. Ads में किये जाने वाले दावों को सच मानकर कभी भी टेफ़लोन कोटिंग वाले नॉन स्टिक बर्तनों को तेज़ आंच पर खाना बनाने के लिए ना प्रयोग करें।  क्योकि ऐसे बर्तनों में उठने वाली दुर्गंध हमारी सेहत के लिहाज से अच्छी नही होती है।
  6. माइक्रोवेव से खाने को निकालकर पहले अच्छी तरह से देख लें कि खाना पका है या नहीं फिर उसके बाद ही सर्व करें।
  7. जूस,  स्मूदी और मिल्कशेक जैसी चीज़ों को कभी फ्रिज में न रखें। क्योकि फलों को काटने के बाद फ़ौरन ही इन्हें खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि पहले से कटे हुए फल को खाना स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं होता है।
  8. अगर आप सुबह के नाश्ते में अंडे खा रहे हैं तो फिर ब्रेड या रोटी अवश्य खाएं। इस तरह से प्रोटीन के अवशोषण के लिए बॉडी को ज़रूरी Carbohydrate अच्छे से प्राप्त हो सकेगा।
  9. रीसर्च से ये बात सामने आई है की शुगर फ्री मीठा स्वास्थ के लिए उतना भी अच्छा नहीं होता है जैसा कि विज्ञापनों में दिखाया जाता है।  इसलिए हर मिठाई में इसका प्रयोग न करें। और हाँ शुगर फ्री मीठे में भी कैलोरी तो होती ही है।
  10. खाने-पीने का सामान हमेशा प्लास्टिक की बजाए स्टील के डिब्बों में ही रखें।
  11. प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग कभी न करें। हमेशा अच्छी क्वालिटी वाले लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड और कलछी का प्रयोग करें। क्योकि लकड़ी की साफ़ सफाई आसान होती है और उसपर बैक्टीरिया पनपने का डर भी कम होता है।
  12. खाना बनाने के पारम्परिक तरीकों को कभी भी पूरी तरह से न छोड़ें क्योंकि ग्रिल और बारबेक्यू जैसे तरीकों से पकाए गए भोजन से कैंसर भी हो सकता है।  अगर इन उपकरणों का प्रयोग करना है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह साफ-सुथरे हों।
  13. खाना जल्दी पकाने के लिए पुरी जैसी चीज़ें तेज़ आंच पर न तलें। उन्हें मीडियम आंच पर अच्छी तरह पकाएं। हाई स्मोकिंग पॉइंट वाले कुकिंग ऑइल का प्रयोग करें।
  14. सभी मीठी चीज़ों को बनाने के लिए चीनी की बजाए शहद या फिर गुड़ का ही प्रयोग ना शुरू कर दें। शहद और गुड़ चीनी से ज़्यादा सेहतमंद होते है लेकिन थोड़ी सी चीनी भी खायी जा सकती है। बस आप अपने डॉक्टर से मशवरा लें कि एक दिन में आपको कितनी चीनी खानी चाहिए।
  15. डायबिटीज होने पर केले जैसे फलो को खाना पूरी तरह से न छोड़ें। बल्कि अपने डॉक्टर से बात करें कि आप अपने पसंदीदा फल कितनी मात्रा में खा सकते हैं।
  16. ब्राउन ब्रेड, ब्राउन शुगर और ब्राउन राइस इनके सफ़ेद रूपों से ज़्यादा फायदेमंद नहीं। तो इनके अंधाधुंध प्रयोग से बचें।
  17. चावल की जगह पर मार्केट में उपलब्ध पर्यायों का प्रयोग ना करें खास तौर से अपने माता-पिता या फिर बड़ी उम्र के लोगों के भोजन में। क्योंकि उन्हें शायद इन चीजों को पचाने में दिक्कत भी हो सकती है।
  18. इंस्टेंट ओट्स कभी न खाएं। आप मार्केट से साधारण ओट्स खरीदकर उन्हें घर में ही बनाकर खाएं।
  19. ऑइल-फ्री खाना बनानें के लिए non stick का प्रयोग न करके ताम्बे के तले वाले बर्तनों का  ही प्रयोग करें। स्वास्थ के लिहाज से तेल का कम प्रयोग करना चाहिए। जिसके लिए बिना तेल या फिर कम तेल में खाना बनाने के पारम्परिक तरीकों को अपनाएं जैसे की दम या पानी के छींटे देकर भी खाना बनाया जा सकता है।
  20. विभिन्न तरहा की चीज़ें भारतीय भोजन से अच्छी समझकर न खाते रहें। क्योंकि सूखे पास्ता से  गरमा-गरम रोटियों की कभी तुलना नहीं हो सकती।
  21. अगर आपको ग्लूकोज से एलर्जी नहीं तो फिर ग्लूकोज वाली चीज़ें पकाकर के खा सकते हैं।
  22. कम कैलरी के भ्रम में देसी घी और मक्खन की बजाए कभी वनस्पति या मार्जरीन का प्रयोग न करें।
  23. ऑइल स्प्रे का प्रयोग करने की बजाए चम्मच का इस्तेमाल करें।  स्प्रे से आपको तेल का अंदाज़ा नहीं होगा। आप चाहें तो भगार के लिए प्रयोग हो रही चीज़ों को सीधे ही पैन में डालकर चटकने दें।
  24. काला नमक, पिंक नमक या फिर किसी भी तरह के नमक को प्रयोग करने से पहले जांच लें कि नमक में आयोडीन है या नहीं।
  25. एकदम से खाने में सलाद और रायते के रूप में काफी सारी कच्ची चीज़ों का प्रयोग न करें। धीरे-धीरे इनका इस्तेमाल बढ़ाएं और फिर देखें कि आपको इससे कोई परेशानी तो नहीं हो रही है।
  26. माइक्रोवेव का प्रयोग न करें।
  27. आपको किसी दावत में जाना है या फिर बाद में आप काफी सारी तली-भुनी हुई चीज़ें खाने वाले हैं केवल इसीलिए बिना तेल का खाना ना बनाएं। बल्कि सभी घरवालो के लिए बनाए गए खाने में अगर 2-3 चम्मच तेल का प्रयोग हुआ है तो फिर आपको उससे कोई नुकसान नहीं होगा।
  28. बिना जांच और परख के किसी भी चीज़ को बेक करना न शुरू कर दें बल्कि माइक्रोवेव में चीज़ें अच्छे से पक रही हैं या नहीं इसको चेक करें।
  29. बेकिंग पाउडर की जगह पर बहुत सारे बेकिंग सोडा का प्रयोग न करें। ऐसा करने से आपकी रेसिपी ख़राब हो जाएगी है।
  30. अगर आपको भोजन विज्ञान की समझ नहीं तो हेल्दी कही जाने वाली चीज़ों का प्रयोग भारतीय खाने में न करें। क्योंकि अलग-अलग प्रकार की चीज़ों को एक साथ पकाने से वो ख़राब हो सकती हैं। हो सकता है उन्हें पकाने का तरीका अलग हो। जैसे ब्रोकली और फूलगोभी को पकने में एक तरह का समय नहीं लगता लेकिन अक्सर लोग उन्हें एक साथ पकने के लिए डाल देते हैं।
  31. आप Weight loss के चक्कर में ढेर सारी ग्रीन टी बनाकर न पिए।
  32. माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तनों की बजाएं कांच के बर्तनों में खाना बनाएं और ज़रूरत के मुताबिक चम्मच से इसे चलाते रहें।
  33. क्या आपको भी लगता है कि एयर-फ्राइड खाना एक अच्छा उपाएं हो सकता है? तो फिर हम आपको ये भी बता दें कि एयर फ्राइड समोसे में भी मैदा ही होता है जो कि आपके स्वास्थ के लिए ज़रा भी अच्छा नहीं है।
  34. एक बार प्रयोग किये हुए तेल में दोबारा खाना न बनाएं। कुछ तलने या फिर भगार लगाने के लिए भी इस तेल का प्रयोग न करें।
  35. बार-बार कच्ची और पकाई हुए सब्ज़ियां को न खाएं। पहले हर सब्ज़ी को कच्चा और पकाकर खाने के फायदों की अच्छे से जांच कर लें। जैसे कि पकाने से टमाटरों में लाइकोपीन की मात्रा बढ़ जाती है जो कि प्रोस्टेट ग्रंथि के कैंसर से हमे बचाता है।
  36. तेल का प्रयोग न करना पड़े सिर्फ इसलिए सारी चीज़ें प्रेशर कुकर में कुक न करें। अगर आप ज़्यादा देर तक पकनेवाली चीज़ों को जल्दी पकने वाली सब्ज़ियों के साथ मिलाकर कुकर में पकाएँगी तो फिर उनके सभी पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं।
  37. Nutrients के खत्म होने के डर से भोजन को कच्चा ही न रहने दें क्योंकि सब्जियां वगेरह में मौजूद बैक्टीरिया सब्ज़ी अच्छी तरह से पकाने से ही खत्म होते हैं।
  38. घर के सभी पुराने और पारम्परिक बर्तनों को प्रयोग करें। क्योंकि लोहे के तवे में खाना बनाना और ताम्बे के गिलास में पानी-पीना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  39. भगार की चीज़ों को जलने न दें खासकर अगर आप उसका प्रयोग सेहत को फायदा पहुँचाने के लिए कर रहे हों।
  40. जब आप कुकर में खाना बनाएं तो ध्यान रखें कि उसमें पानी अवश्य हो बिना पानी के अगर आपने कुछ भी बनाया है तो फिर सूखा कुकर भाप बनाता है और इसमें फटने का खतरा होता है
  41. महंगी विदेशी या फिर Imported चीज़ें सिर्फ ये सोचकर बिलकुल न खरीदें कि ये सेहत के लिए अच्छी या फिर अधिक पौष्टिक होंगी। कई बार स्वदेशी चीज़ें आपकी स्वास्थ और बॉडी के लिए ज़्यादा फायदेमंद साबित होती हैं।
  42. अगर डॉक्टर ने कहा है तो फिर अपने भोजन से फैट्स जैसे कि तेल और घी की मात्रा को एकदम से कम न करें। सिर्फ उबली हुई या फिर भाप में बनी हुई चीज़ें ही न खाते रहें। पूरी की बजाएं पराठे या फिर थेपला सिर्फ इसलिए न खाएं कि उसमें तेल कम होता है।  पराठे बनाते वक्त तवे का पूरा घी, मक्खन या फिर तेल वह सोख लेते हैं जबकि अगर ध्यान से तला जाएं तो पूरी भी कम तेल में तल सकते है। फुल्के भी एक अच्छा उपाए हैं।
  43. खाना बनानें के बाद किचन की तुरंत सफाई कर दें अगर आप इसे ऐसे ही छोड़ देंगी तो रात को कोकरोच वहां पर आ जाते है।
  44. सूप और शेक जैसी लिक्विड चीज़ें सिर्फ इसलिए न ज़्यादा बनाएं ताकि चावल या फिर रोटी जैसे पदार्थ आप कम खाए। खासतौर पर वजन घटाने के चक्कर में। आपकी बॉडी को संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है और इससे आपका कैलोरी काउंट ग़लत भी हो सकता है। इसीलिए अपना डेली मेन्यू तय करने के लिए किसी अच्छे और विश्वसनीय कैलकुलेटर का प्रयोग करें।
  45. पारम्परिक भोजन बनानें में हर बार इमली की जगह पर विनेगर का प्रयोग न करें। क्योंकि कैलोरी व स्वाद से बढ़कर है भोजन में युक्त विभिन्न पदार्थों की पौष्टिकता।
  46. सभी लोग अक्सर एक ही गलती को बार-बार करते है वो ये कि हरी सब्ज़ी को काट कर धोते है इससे सब्ज़ी की पोष्टिकता खत्म हो जाती है इसीलिए हमेशा धोकर ही सब्ज़ी काटे
  47. बहुत से लोग छोले या फिर राजमा बनाते टाइम उसमें ज़्यादा नमक डालकर पहले उसे पकाते हैं और फिर बाद में उसका एक्स्ट्रा पानी फेक देते हैं। ऐसा बिलकुल भी न करें। क्योकि इस पानी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बेकार में ही बह जाते हैं। इसलिए अंदाजा लगाकर ही अपनी डिश में सिर्फ उतना ही पानी और नमक डालें जितना कि उसे पकने के लिए ज़रूरी हो।
  48. PFOA नॉन स्टिक कुकवेयर आपके स्वास्थ के लिए घटक भी हो सकते हैं
  49. कैलोरी इंटेक्स की भरपाई को करने के लिए अपने पूरे दिन के खाने में बड़े और मनचाहे बदलाव बिलकुल भी न करें। अगर आपने सुबह नाश्ते में पूरियां खायीं है तो इसलिए आप लंच में सिर्फ फल खा रहे हैं तो ये गलत है। आपको दोपहर में ज़्यादा शक्ति की आवश्यकता होती है और उचित मात्रा में Carbohydrate न खाने से आपको बार-बार भूख भी लगती रहती है।
  50. Online या फिर किसी दोस्त के द्वारा बताए गये किसी भी ऐसे डायट प्लान को कभी फॉलो न करें जिनमें बस कुछ हेल्दी चीज़ें ही शामिल की गईं हों। इस डायट प्लान को Follow करने से पहले उसकी विश्वसनीयता को ज़रूर जांच लें।