अगर आप लोग अपने बच्चों की जिद करने पर उसे बहुत ही आसानी से अपना स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं। तो ज़रा सावधान हो जाएं क्योंकि छोटे बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन पकड़ा देना कोकीन और ड्रग्स जैसी नशीली और ज़हरीली चीज़ पकड़ाने के बराबर होता है।
अभी हालिया हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन की लत में फंसे हुए बच्चे, जहां अपने माता-पिता के साथ कम वक्त बिता रहे हैं। वहीं पर टैकनोलजी उनके मानसिक विकास व दिमाग को काफी कमज़ोर भी कर रही है। स्मार्टफोन का ज़यादा यूज़ करने वाले बच्चों की रचनात्मक योग्यता भी खत्म होने लगती है। और फिर उनमें फैसले लेने की क्षमता भी काफी कमज़ोर हो जाती है।इसके इस्तेमाल और फिजिकल एक्टिविटी में तालमेल न होने के कारण से ही बच्चों का शारीरिक विकास भी काफी ज़्यादा प्रभावित हो रहा है।
पाया गया है घंटों स्मार्टफोन पर वक्त बिताना युवाओं के बीच Pornographic Images भेजने और देखना, Online गलत काम करने से ये सभी पेरेंट्स की चिंता का कारण बनता जा रहा है। अभी हाल ही में हर्ले स्ट्रीट क्लिनिक द्वारा कराए गए एक सर्वे में 1,500 से ज़्यादा टीचर्स में से करीब दो-तिहाई शिक्षक ने ही कहा है। कि वे अश्लील फोटो भेजने व देखने वाले स्टूडेंट्स से वाकिफ हैं, और जिनमें प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी शामिल हैं।
अश्लील वीडियो के मामले में पिछले तीन साल के दौरान 2,000 से से भी ज़्यादा शकायत दर्ज कराए गए। एक सर्वे में खुलासा किया गया है कि अधिकांश युवा लड़कियां मोबाइल फोन से किसी को भी Nude Photo भेजना सामान्य ही समझती हैं।
अगर यही फोटो उनके पेरेंट्स ने देख लिए तो उनको कितना बुरा लगेगा ‘और ये है भी बहुत गलत। ज़रा सोचो आपको कितनी ज़्यादा शर्मिन्दगी होगी इस बात का तो आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते प्रसारण नियामक के मुताबिक, 3 से 4 साल के बच्चे हर हफ्ते इंटरनेट का छह घंटे प्रयोग करते हैं।