गर्मी के इस मौसम में किसी अमृत से कम नहीं हैं छाछ

छाछ (मट्ठा) गर्मियों से राहत देने के अलावा औषधि रूप में भी काम करती है दिन में अगर दो बार छाछ पी लें तो इससे सेहत बिलकुल ठीक रहती है और वजन घटाने में भी इससे काफी मदद मिलती है डॉक्टरों के मुताबिक छाछ प्राकृतिक ड्रिंक है जिसे पीने के अनेक फायदे हैं।

जिनका पाचन तंत्र मजबूत नहीं होता है उन्हें दूध की जगह पर छाछ का इस्तेमाल करना चाहिए डॉ. मोनिका सूद के मुताबिक छाछ प्रोबायोटिक आहार होता है इसमें सूक्ष्मजीव होते हैं जो कि हमारी आंतों को सक्रिय रखने में हमारी मदद करते हैं।

और इनकी सहायता से पाचन में सुधार होता है और इसके अलावा ये प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और पोषक तत्वों के निर्माण व हृदय रोगों से रक्षा करने में हमारी मदद करते हैं छाछ की एक बहुत ही खास बात यह है कि इसमें वसा नहीं होती हैं क्योंकि इसमें से पहले ही मक्खन निकाल लिया जाता है।

छाछ कैल्शियम, पोटैशियम और रिबोफ्लेविन के अलावा फॉस्फोरस का भी एक बहुत अच्छा स्रोत है जो भोजन को झटपट पचाने में हमारी मदद करता है।

घरेलू नुस्खों में भी छाछ बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है अगर ज्यादा जी मिचलाता हो तथा अजीर्ण, ज्वर, दुर्बलता व पेट में हल्का सा दर्द हो तो फिर घर के लोग तुरंत ही छाछ पीने की सलाह देते हैं अध्ययनों के मुताबिक अगर दिन में एक से दो बार भुना हुआ ज़ीरा, थोड़ा सा नमक और पिसी हुई काली मिर्च डालकर छाछ पिएं तो एक सप्ताह में ही पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल जाएगा।

औषधि के रूप में

कैल्शियम : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति को रोज़ाना 1,000 से 1,200 एमजी कैल्शियम लेना चाहिए। 9 से 13 साल तक के बच्चों के लिए यह मात्रा 1,300 एमजी बताई गई है यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएंट डाटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक एक कप छाछ में 284 एमजी कैल्शियम होता है जबकि एक कप दूध में 299 एमजी। अगर बच्चे दूध पीना पसंद नहीं करता है तो फिर उसे छाछ दे सकते हैं।

प्रोटीन : छाछ और दूध में करीब-करीब एक समान ही प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है छाछ में 8.11 एमजी प्रोटीन होते है, जबकि दूध में 8.26 एमजी।

विटामिन और खनिज की मात्रा

यूएसडीए नेशनल न्यूट्रिएंट डाटाबेस के मुताबिक छाछ में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

सुंदरता निखारे

छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत उपयोगी है इसीलिए कई महंगी क्रीम में भी लैक्टिक एसिड की ज़रूरी मात्रा मिलाई जाती है त्वचा को चमकाने व नरम बनाने और डेड स्किन को हटाने के लिए भी कई बार डॉक्टर इसका इस्तेमाल फेशियल पील्स के तौर पर करते हैं।

बहुत ज्यादा एसिडिक होने के कारण छाछ या मटठा एस्ट्रिंजेंट की तरह से काम करती है इससे चेहरे के दाग-धब्बे व झुर्रियों आदि परेशानियों से राहत मिल सकती है और इसीलिए छाछ से फेस पैक भी बनाया जा सकता है अगर आपको छाछ का स्वाद पसंद नहीं है तो फिर आप उसे चेहरे पर लगाकर अपनी त्वचा चमका सकते हैं बाज़ार में छाछ का पाउडर भी मिलता है।

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